दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 25 जुलाई को ” एक नए संकल्प के साथ परिवर्तन ” की नयी इबादत लिखने की कवायद हुई. कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन में डी पी यादव ने लिया संकल्प. जिसमे देश-प्रदेश के जाने -पहचाने चेहरे शिरकत की. इस आयोजन की अध्यक्षता संघ व राष्ट्रीय परिवर्तन दल के अध्यक्ष डी.पी. यादव ने शिरकत की. उल्लेखनीय है कि डीपी यादव विगत डेढ़ -2 दशक से अज्ञातवास से फिर वापस राजनैतिक रूप अपनी सक्रिय भूमिका में पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए. दरअसल धर्म बनाम पीडीए के आने वाले राजनैतिक संग्राम में कूदने को आतुर पूर्व राज्यसभा सांसद डी पी यादव अब कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहते.
क्या है इस महासम्मेलन का उद्देश्य?
यही वजह है कि इस महासम्मेलन में विभिन्न राज्यों से सामाजिक कार्यकर्ता, किसान प्रतिनिधि, शिक्षाविद तथा राजनीतिक और सामाजिक संगठन का ये बड़ा आयोजन कराया गया. बताया जा रहा है कि इस महासम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य नीतिगत सुधारों की दिशा में ठोस सुझावों का प्रारूप तैयार करना है.
गौरतलब है कि यह महासम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब देश के युवा, किसान तथा निर्बल वर्ग सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. युवाओं की घटती आय, किसानों पर बढ़ते कर्ज का बोझ और समाज के वंचित वर्ग की समस्याएं जैसे गंभीर मुद्दों पर एक राय बनाने के उद्देश्य से ये कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेश से भी इस वर्ग से जुड़े पूर्व सांसद, विधायक एवं पूर्व मंत्री व अलग -अलग संगठनो से जुड़े पदाधिकरियों अपने पूरे लाव लश्कर के साथ शामिल हुए.
प्रदेश के पूर्व विधायकों में प्रमुख रूप से शामिल होने वालो में पूर्व विधायक शीशपाल यादव इटावा, पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव एटा, पूर्व विधायक स्वामीनाथन यादव, देवरिया, पूर्व विधायक श्याम किशोर यादव लखनऊ, पूर्व विधायक विजय यादव, ठाकुरद्वारा, पूर्व एमएलसी सुरेंद्र पटेल फ़तेहपुर, एटा से विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी अवधपाल यादव और पूर्व विधायक जगराम जी ने भी अपने विचार प्रमुखता से रखे.
विपक्ष और सत्ता पक्ष को झटका दे सकता है सम्मेलन
ये महासम्मेलन सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए एक बड़ा झटका देने वाला भी दिखाई दिया. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि डी पी यादव राजनीती के जिस अज्ञातवास से आये है उसने इस दौरान कई नए मोर्चो को अंदरखाने तैयार किया है. इतना तय है कि राष्ट्रीय परिवर्तन दल के बैनर तले हुए इस महासम्मेलन में डी पी यादव ने किया बड़ा एलान कहा सड़क से संसद तक पिछड़ों की लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है.
सत्ता बनाम विपक्ष की इस लड़ाई में यादव, दलित, पिछड़ा,ओबीसी, युवा, किसान, निर्बल आय वर्ग को साधने की कवायद इस मंच के जरिये पूरे जोरशोर से होती नज़र आयी. अपने-अपने समुदायों के बड़े नेता जो सालो से किसी बड़े मंच पर नज़र नहीं आये वो इस महासम्मेलन में पूरे जोर -शोर से अपनी -अपनी भूमिका में नज़र आये. एक बार फिर धर्मपाल यादव धर्म और यदुवंशियों की प्रदेश की लड़ाई में क्या अपने समुदाय को एक नया नेतृत्व देने वाले पुरोधाओं को लेकर एक मंच पर नज़र आते दिखाई दिए?
महासम्मेलन अलग-अलग राज्यों के नेता हुए शामिल
महासम्मेलन को वृहद रूप देने में देश के अन्य प्रदेशो से आने वाले प्रमुख वक्ताओं में वर्तमान कांग्रेस विधायक- सिद्धार्थ कुशावाहा- सतना, हेमन्त राव- केरल, जगनाथ राव, पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल, पूर्व सांसद अन्नामलाई दुरई, पूर्व सांसद हरपाल सिंह भी इस महासम्मेलन के जरिये एक मंच पर नज़र आते दिखाई दिए.
दिल्ली के पूर्व मुखयमंती चौधरी ब्रह्म प्रकाश की विरासत को डीपी यादव एक नए कायाकल्प के साथ आगे की योजनाओ पर इस महासम्मेलन के जरिये आगे बढ़ते नज़र आये. इस महासम्मेलन को कवर करने पहुंचे एक पत्रकार के मुताबिक बरसो की बुझी हुयी आग को हवा देने का काम इस महासम्मेलन जरिये संपन्न हो गया.
कहते है बूँद -बूँद से घड़ा भरता है -अन्य समुदायों से जुड़े पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री व संगठनो के नेता के इस आयोजन में शामिल होकर एक बड़ा सन्देश साबित हो सकता है. महासम्मेलन का सफल आयोजन भविष्य में कोई नया गुल खिला सकता है. इस बात से डीपी यादव भी इंकार नहीं कर रहे है.
आयोजन को सफल बनाने के लिए कई संगठन आए आगे
इस आयोजन को सफल बनाने में कई सामाजिक संगठनों के पुरोधा मसलन मलकान कश्यप- अखिल भारतीये मल्ल संग बिंध, राजेश गौतम-बहुजन सेना सहारनपुर , काजी नसीम अहमद- भारतीय युवा काजी दल देवबंद, प्रो.मदन लाल- पूर्व अध्यक्ष जाटव महासभा, सुखदेव राजबार-अध्यक्ष-राजबार पंचायत, हिरेन्द्र सिंह मौर्य – प्रकटशील मौर्य शाक्य सैनी महासभा, सुभाष रोध- भारतीय किसान यूनियन रोध, सुनील कुमार-यूपी अध्यक्ष-अखिल भारतीय यादव महासभा, डॉक्टर नज़र अब्बास – पूर्व अध्यक्ष अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आदि अन्य लोगो ने अपनी -अपनी योजना के जरिये आगे की रूप रेखा अपने योगदान पर प्रकाश डाला.
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