महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने 800 करोड़ रुपये के ‘एम्बुलेंस घोटाले’ के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है.
शनिवार (26 जुलाई) को पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने कहा कि “जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते.” उन्होंने सीधे तौर पर उद्धव ठाकरे की पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि जो खुद कई घोटालों में लिप्त हैं, वे उन पर सवाल खड़ा नहीं कर सकते.
25 साल तक शिवसेना UBT ने मुंबई को लूटा- एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे ने बीएमसी से जुड़े कथित घोटालों का हवाला देते हुए कहा कि मीठी नदी की गाद सफाई में भ्रष्टाचार, सड़क निर्माण में गड़बड़ी और खिचड़ी वितरण में अनियमितता जैसे मामलों में शिवसेना (UBT) की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में रही है. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि बीएमसी की सत्ता 25 साल तक शिवसेना के हाथ में रही और इसी दौरान मुंबई को लूटा गया. शिंदे का कहना था कि अब वही लोग उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं.
संजय राउत ने लगाया था आरोप
दरअसल, संजय राउत ने शुक्रवार (25 जुलाई) को आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने 800 करोड़ रुपये की एंबुलेंस डील में भारी घोटाला किया है. उन्होंने दावा किया कि यह डील ‘सुमीत फैसिलिटीज लिमिटेड’ को दी गई, जबकि असल में एंबुलेंस की लागत महज 100 करोड़ रुपये थी. राउत ने यह भी आरोप लगाया कि घोटाले की राशि शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के फाउंडेशन में ट्रांसफर की गई.
शिंदे ने सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि वे और उनकी सरकार बेदाग हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जनता सब देख रही है और 2022 में पार्टी के विभाजन के बाद से शिवसेना (उद्धव गुट) की साख को नुकसान हुआ है. उन्होंने दावा किया कि जनता जानती है कि 25 सालों तक किसने मुंबई को लूटा, और अब वही लोग झूठे आरोप लगाकर खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.
‘जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते’, संजय राउत के आरोपों पर एकनाथ शिंदे का पलटवार
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