राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह परिसर की बिगड़ती हालत को लेकर मुस्लिम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार (26 ) को राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से मुलाकात की. हाल ही में दरगाह में संभावित खतरे की चेतावनी का नोटिस लगया गया जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिल कर शिकायत की है.
उन्होंने दरगाह समिति और सीईओ बिलाल खान पर रखरखाव में लापरवाही का आरोप लगाते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. प्रतिनिधिमंडल ने हाल की बारिश में दरगाह की छत और मुख्य गुंबद से पानी रिसने, मस्जिदों को हुए नुकसान और प्रशासन की अनदेखी पर कड़ी आपत्ति जताई.
क्या हैं मुख्य आरोप?
प्रतिनिधिमंडल ने कुछ घटनाओं का जिक्र किया जिसमें शामिल है- दरगाह परिसर की छत और सीलिंग गिरने की घटनाएं, तीन मस्जिदों को हुआ नुकसान, मुख्य गुंबद में भारी रिसाव, बार-बार चेतावनी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं. इसके अलावा दरगाह समिति की नियुक्ति तीन सालों से लंबित है और अब सीईओ द्वारा जारी ये ‘गैर-जिम्मेदाराना’ नोटिस, जिसका उन्होंने विरोध किया है.
क्या है विवादित नोटिस का मामला?
दरअसल 21 जुलाई को दरगाह के नाजिम मोहम्मद बिलाल खान द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें दरगाह के पुराने ढांचों से संभावित खतरे की चेतावनी दी गई. नोटिस में कहा गया कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में प्रशासन कानूनी रूप से जिम्मेदार नहीं होगा. यह बयान ऐसे समय आया जब अजमेर शरीफ में 814वें उर्स की तैयारियां चल रही हैं, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं.
राज्यपाल से क्या हुई बातचीत?
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की. बागडे ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस पूरे मामले में अजमेर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब करेंगे. साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने उस नोटिस की भी आलोचना की जो दरगाह प्रशासन द्वारा जारी किया गया था, उसे ‘असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना’ बताया.
Rajasthan: अजमेर दरगाह की जर्जर हालत! अब राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े तक पहुंचा मामला, की गई ये मांग
2