शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार 26 जुलाई को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक डायरेक्टिव जारी किया है। इसमें स्कूली बच्चों और युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर उपाय और पैमाने तय करने के लिए कहा गया है। इसमें साफ कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी शिक्षण संस्थानों और ऐसे स्थान जहां स्टूडेंट्स और युवा अक्सर जाते हैं, का समय-समय पर सेफ्टी ऑडिट करना होगा। रिपोर्ट करने का मैकेनिज्म ठीक हो शिक्षा मंत्रालय ने यह निर्देश भी जारी किया है कि इमरजेंसी की स्थिति में स्टूडेंट्स और युवाओं के लिए रिपोर्ट करने का मैकेनिज्म आसान और स्ट्रीम लाइंड हो। साथ ही उनकी शिकायतों पर जल्द से जल्द एक्शन लिया जाए। कोई भी खतरनाक एक्सीडेंट, एक्सीडेंट की संभावना या कोई ऐसी घटना जिससे आगे जाकर कोई एक्सीडेंट हो सकता है, उन्हें 24 घंटों के अंदर रिपोर्ट किया जाना चाहिए। जिन संस्थानों में ऐसा नहीं हो पाएगा, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। साथ ही देरी या लापरवाही के मामलों में संस्थानों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ का भी रखें ख्याल शिक्षा मंत्रालय ने इन निर्देशों में स्टूडेंट्स की न सिर्फ फिजिकल सेफ्टी बल्कि मेंटल सेफ्टी का ख्याल रखने के लिए कहा है। संस्थानों को यह निर्देश है कि स्टूडेंट्स की साइकोलॉजिकल और इमोशनल हेल्थ को सपोर्ट करने के लिए माहौल तैयार किया जाए। इसके लिए स्कूलों में काउंसलिंग सर्विसेज, पियर सपोर्ट नेटवर्क्स और आउटरीच प्रोग्राम्स आयोजित किए जाने चाहिए। साथ ही इसके लिए स्टूडेंट्स और स्टाफ की समय-समय पर ट्रेनिंग होती रहनी चाहिए। ऐसी ही और खबरें पढ़ें… NCERT कक्षा 3 से 12 के सिलेबस में ऑपरेशन सिंदूर:काउंसिल तैयार कर रहा मॉड्यूल, किताबों में 8 से 10 पेज जुड़ सकते हैं स्कूली छात्रों को भारत के डिफेंस सिस्टम और कूटनीतिक रिस्पॉन्स के बारे में समझाने के लिए NCERT ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित एक नया मॉड्यूल ला सकता है। PTI ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। पूरी खबर पढ़ें…
शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा में न हो लापरवाही:ताकि एक्सीडेंट होने से पहले ही पता चल पाए, शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों के लिए जारी किए निर्देश
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