उत्तर प्रदेश के कुख्यात छांगुर के अवैध धर्मांतरण नेटवर्क के तार देहरादून तक फैले होने का हैरतअंगेज खुलासा हुआ है. देहरादून के रानीपोखरी और प्रेमनगर में दर्ज मुकदमों की जांच में सामने आया कि इस नेटवर्क के तार पाकिस्तान और दुबई से जुड़े हैं. यूपी एटीएस और देहरादून पुलिस ने इस मामले में अब्दुल रहमान सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
जांच में सामने आया कि बरेली की रहने वाली श्रुति (बदला हुआ नाम मरियम) को इस्लाम में धर्मांतरण के बाद दुबई भेजने की तैयारी थी. उसे पाकिस्तानी मौलवियों से ऑनलाइन इस्लाम की शिक्षा दी जा रही थी. वहीं एक अन्य युवती सुमैया जोकि केंद्रीय विद्यालय से पढ़ी और गणित में बीएससी व फाइनल आर्ट्स में डिग्री हासिल चुकी है. उसे भी इस नेटवर्क ने अपने जाल में फंसाया.
सुमैया ने पुलिस को बताया कि उसने पाकिस्तानी ऐप लूडो स्टार के जरिए पाकिस्तानी लोगों से संपर्क किया, जिन्होंने इस्लाम के बारे में बातें शुरू कीं. धीरे-धीरे उसका झुकाव इस्लाम की ओर बढ़ा और उसे मौलवी तनवीर अहमद से जोड़ा गया, जिसने मुफ्त शिक्षा का लालच दिया.
पाकिस्तान-दुबई के रास्ते फंडिंग
देहरादून का सुलेमान जो दुबई में रहता है, उसने सुमैया के खाते में पैसे जमा करवाए और फिर उन्हें दुबई के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया. यह लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा हो सकता है. सुमैया को दिल्ली के रास्ते दुबई भेजकर एक मुस्लिम युवक से निकाह कराने की योजना थी. पुलिस ने सुमैया की काउंसलिंग के बाद प्रेमनगर थाने में 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया.
6 आरोपी नामजद, पुलिस की कार्रवाई तेज
एसएसपी अजय सिंह ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि 17 जुलाई को यूपी एटीएस ने अब्दुल रहमान को देहरादून से गिरफ्तार किया. अन्य आरोपियों में अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल, अब्दुल रहीम, अब्दुल्ला, आयशा उर्फ कृष्णा, और सुलेमान शामिल हैं. ये सभी वर्तमान में जेल में हैं. देहरादून पुलिस बी-वारंट के जरिए इन्हें लाने की तैयारी कर रही है. जांच में सामने आया कि यह गिरोह सोशल मीडिया और जूम ऐप के जरिए युवतियों को निशाना बनाता था.
पुलिस की सख्ती
देहरादून पुलिस और यूपी एटीएस इस नेटवर्क की गहराई तक जांच कर रही हैं. एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ऐसे गिरोहों पर नकेल कसी जा रही है. जनता से अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों से सावधान रहें और नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा पर ध्यान दें.
पाकिस्तानी मौलवियों से मिल रही थी ऑनलाइन इस्लाम की शिक्षा, धर्मांतरण रैकेट में बड़ा खुलासा
2