देहरादून में खानपुर विधायक उमेश कुमार ने राजपुर रोड स्थित होटल मधुबन में पत्रकारों से वार्ता में उत्तराखंड में हुए 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग और LUCC चिट फंड घोटाले पर सनसनीखेज खुलासे किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सोशल म्यूच्यूअल बेनिफिट निधि लिमिटेड और लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC) के जरिए बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और कालेधन को वैध करने का खेल हुआ.
विधायक ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी कि यदि आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई, तो वह उच्च न्यायालय में जाकर ED और CBI से जांच की मांग करेंगे.
विधायक उमेश कुमार ने बताया कि सोशल म्यूच्यूअल बेनिफिट निधि लिमिटेड, जिसका मुख्यालय देहरादून-हरिद्वार बाईपास पर ब्राह्मणवाला में है. इस ने 2017 से 2020 तक फर्जी RD/FD खातों के जरिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा की.
कंपनी में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार की पत्नी 2017 से 2020 तक डायरेक्टर रहीं, और वर्तमान में उनके रिश्तेदार इस पद पर हैं.
50 हजार फर्जी खाते खोले गए
जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने करीब 50,000 लोगों के नाम पर फर्जी खाते खोले, जिनमें मृत व्यक्तियों और 5-6 साल के बच्चों के नाम शामिल हैं. कई खाताधारकों को अपने नाम पर FD की जानकारी तक नहीं थी.
विधायक ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले को उठाया तो पूर्व सीएम के सलाहकार ने अपनी पत्नी का इस्तीफा दिलवा दिया. उन्होंने कहा कि शासन ने मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी, लेकिन जांच को दबाने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ का प्रयास हो रहा है.
उन्होंने दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मुख्य सचिव से इस कंपनी की धोखाधड़ी की जांच की मांग की थी, जिसके बाद STF का गठन हुआ. लेकिन जरूरी दस्तावेज और सबूत गायब कर दिए गए. उमेश कुमार ने इस मुद्दे को तत्कालीन विधायक काजी निजामुद्दीन के जरिए विधानसभा में भी उठाया था.
उत्तराखंड का सबसे बड़ा वित्तीय फ्रॉड
उमेश कुमार ने LUCC (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी) चिट फंड घोटाले को उत्तराखंड का सबसे बड़ा वित्तीय फ्रॉड करार दिया. इस घोटाले में करीब 189 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का अनुमान है. कंपनी ने 2017 में उत्तराखंड में परिचालन शुरू किया और गढ़वाल, श्रीनगर को अपना बेस कैंप बनाकर लोगों को पैसा दोगुना करने और अधिक ब्याज का लालच देकर ठगा.
पहला मामला 1 जून 2024 को कोटद्वार में सामने आया. जब तृप्ति नेगी ने कंपनी की दुगड्डा शाखा के मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर RD खाता खोलने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया. इसके बाद कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा दर्ज हुआ.
पुलिस ने अब तक स्टेट हेड गिरीश चंद्र बिष्ट सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य मास्टरमाइंड समीर अग्रवाल (मुंबई, हाल निवासी दुबई), आरके सेठी (फंड मैनेजर, मुंबई), उत्तम सिंह (बाराबंकी, उत्तर प्रदेश), और शबाब हुसैन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया है.
सीबीआई जांच की मांग, सरकार पर आरोप
उमेश कुमार ने कहा कि LUCC घोटाले की जांच को सीबीसीआईडी से हटाकर CBI को सौंपा गया है, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री धामी का आभार जताया. हालांकि, उन्होंने EOW की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है और खाताधारकों से जबरन कबूलनामा लिया जा रहा है. उन्होंने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के हालिया बयानों की भी आलोचना की और निष्पक्ष जांच के लिए ED और CBI से जांच की मांग दोहराई.
प्रदेश में बढ़ते विरोध प्रदर्शन
LUCC घोटाले के खिलाफ देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी, और रुद्रप्रयाग में 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. उत्तराखंड में 92 करोड़ और अन्य राज्यों में 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का अनुमान है. हजारों निवेशकों की मेहनत की कमाई डूबने से प्रदेश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं.
‘उत्तराखंड में 200 करोड़ का चिट फंड घोटाला’, MLA उमेश कुमार के सनसनीखेज आरोप, CBI जांच की मांग
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