गुरुग्राम में दो दिवसीय फ्री मेडिकल कैंप का समापन:700 लोगों ने उठाया लाभ, हर वर्ग की सेवा करना प्राथमिकता

by Carbonmedia
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गुरुग्राम जिले के फर्रुखनगर में इंस्टीट्यूट द्वारा 26 और 27 जुलाई 2025 को संस्थान परिसर में आयोजित दो दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर का सफलतापूर्वक समापन हुआ। शिविर स्थानीय ग्रामीणों, विद्यार्थियों एवं संस्थान के स्टाफ के लिए आयोजित किया गया था। शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्ग को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना था। शिविर में इन डॉक्टरों ने की जांच शिविर में 700 से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य परीक्षण, परामर्श तथा निशुल्क औषधियों का लाभ उठाया। शिविर में विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं प्रदान की। इनमें डॉ. अरविंद देशमुख (फिजीशियन), डॉ. लकी चंदेकर (स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ. जॉयस वाघेला (फिजीशियन व स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ. आशीष (फिजीशियन) और डॉ. आमोद कुमार (फिजीशियन) शामिल थे। हर वर्ग की सेवा करना प्राथमिकता स्वास्थ्य शिविर में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दंत चिकित्सा, सामान्य रोग, स्त्री रोग, बच्चों की बीमारियां और त्वचा रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेष परामर्श और जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराई। इंस्टीट्यूट अध्यक्ष डॉ. रिचर्ड हॉवेल ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल अकादमिक शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग की सेवा करना भी हमारी प्राथमिकता है। यह शिविर उसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है। अभियान को निरंतर जारी रखेगा इंस्टीट्यूट कार्यकारी निदेशक डॉ. एसआर सक्सेना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुंच को ध्यान में रखते हुए इंस्टीट्यूट समाजसेवा के अभियान को निरंतर जारी रखेगा। इंस्टीट्यूट के प्रधानाचार्य डॉ. प्रवीण पाल ने सभी डॉक्टरों, स्वयंसेवकों और कर्मचारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “यह केवल एक स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि प्रेम, सेवा और करुणा की मिसाल है। विद्यार्थियों ने दिया सक्रिय योगदान शिविर में गुरुग्राम किसान क्लब के चेयरमैन राव मान सिंह तथा नगरपालिका पार्षद कपिल और सुरेन्द्र यादव ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों ने स्वयंसेवकों के रूप में सक्रिय योगदान दिया और शिविर की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समर्पण और सेवा भावना का उदाहरण कार्यक्रम के अंत में कालेब इंस्टीट्यूट की ओर से यह संकल्प लिया गया कि भविष्य में भी समाज सेवा और जनकल्याण के ऐसे और अधिक आयोजनों को निरंतर जारी रखा जाएगा। यह शिविर न केवल एक स्वास्थ्य सेवा था, बल्कि समाज के लिए करुणा, समर्पण और सेवा भावना का सजीव उदाहरण भी रहा।

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