किसी की मेड भाग गई, तो कहीं कूड़े वाला! गुरुग्राम में बांग्लादेशी घुसपैठियों के वेरिफिकेशन से निवासी परेशान

by Carbonmedia
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बीते मई के महीने में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पुलिस ने गुरुग्राम में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया है. जिसका मकसद है, गुरुग्राम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की धरपकड़.
इस वेरिफिकेशन ड्राइव के तहत पुलिस उन झुग्गियों में जा रही है जहां सैनिटेशन, मेड, हाउसहेल्प आदि से जुड़े हुए लोग जो ज्यादातर पश्चिम बंगाल या असम से यहां आए हुए हैं, और इसके लिए पुलिस उनके दस्तावेजों की जांच कर रही है और वेरिफिकेशन पूरा होने तक इन्हें होल्डिंग सेंटर में रखा जा रहा है.
होल्डिंग सेंटर में रखे गए हैं कुछ लोग
गुरुग्राम में फिलहाल ऐसे 4 होल्डिंग सेंटर हैं जहां ऐसे लोगों को रखा गया है, जिनका वेरिफिकेशन बाकी है. वेरिफिकेशन के लिए हरियाणा पुलिस के जवान संदिग्धों से पहचान पत्र मांगते हैं. पहचान पत्र देने के बाद भी पुलिस को शक हुआ तो इनका वेरिफिकेशन पूरा होने तक इन्हें होल्डिंग सेंटर में रखा जाता है. वेरिफिकेशन के लिए पकड़े गए लोगों के गांव के स्थानीय प्रशासन को संपर्क किया जाता है और वहां इस बात की जांच कराई जाती है कि क्या ये व्यक्ति वाकई में इस गांव का रहने वाला है या नहीं?
आधार और वोटर ID मिलने पर 5 दिन भी रखा गया
गुरुग्राम के सेक्टर 70 के पलरा धानी इलाके में प्रवासी मजदूरों की एक बड़ी अस्थाई कॉलोनी है जहां के निवासी आसपास की सोसाइटी से लेकर नगर निगम में ठेकेदार के लिए शहर की सफाई का काम करते हैं. इसी कॉलोनी के लोगों का दावा है कि बीते 18 जुलाई को 5 लोगों को पुलिस उठा ले गई थी, ये कहते हुए कि वे बांग्लादेशी हैं. 
लेकिन जब उन्होंने अपने पहचान पत्र दिखाए, जिसमें आधार और वोटर ID भी थी, तब भी पुलिस के जवानों ने इनकी नहीं सुनी और इन पांचों को बादशाहपुर में बने होल्डिंग सेंटर में अगले 5 दिनों तक रखा गया था. ये सभी पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले के रहने वाले हैं और 5 दिनों बाद जब इनके गांव से इनकी पहचान की पुष्टि हो गई तब इन्हें वहां से छोड़ा गया.
बड़ी-बड़ी सोसाइटियों में बिगड़ा सफाई का सिस्टम
हालांकि अब इस कॉलोनी में रहने वाले बाकी प्रवासी मजदूर भी पैनिक मोड में हैं और इनका कहना है कि हम बांग्ला भाषा बोलते हैं इसलिए पुलिस हमको बांग्लादेशी समझती है और इसलिए बार-बार पहचान साबित करनी पड़ती है. इसी वजह से यहां 70 परिवार रहते थे, जिसमें से 50 परिवार से ज्यादा घर में ताला लगाकर यहां से चले गए.
लेकिन जहां ये वेरिफिकेशन देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है, तो वहीं दूसरी तरफ इस वेरिफिकेशन के चलते गुरुग्राम में बड़ी-बड़ी सोसाइटियों में से कूड़ा उठाने का काम पटरी से उतर गया है. घरों से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों पर लगे ड्राइवर और मजदूर अचानक काम छोड़कर शहर छोड़कर चले गए हैं.
ना सिर्फ कूड़ा उठाने वाले, बल्कि इन सोसाइटियों में घरों में खाना बनाने वाली मेड, कार धुलने वाले, माली, सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम कर रहे प्रवासी वेरिफिकेशन होने के डर से वापस गांव की तरफ जा रहे हैं, जिससे इन सोसाइटी के लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसी ही एक सोसाइटी है सेक्टर 70 की GPL ईडन हाइट्स, जहां तमाम निवासी परेशान हैं कि एक तरफ तो इनके बिल्डिंग के नीचे कूड़ा फैला है, तो दूसरी तरफ किसी की मेड ने काम छोड़ दिया है, तो किसी की नैनी ने, तो किसी की कुक ने.
बांग्ला में बात करना पड़ रहा है भारी?
इनका डर जायज भी है क्योंकि गुरुग्राम की पॉश सोसायटी में हाउसहेल्प के रूप में काम करने वाली महिलाएं भी पैनिक मोड में हैं और वापस गांव जाने की बात कर रही हैं.
इनमें से ज्यादातर महिलाएं पश्चिम बंगाल की हैं, जोकि मालदा, दिनाजपुर, 24 परगना जैसे जिलों से यहां काम करने आई हैं, लेकिन अब इनका कहना है कि पुलिस इन्हें सड़क पर भी रोक कर पूछताछ करती है और बांग्लादेशी बताती है, क्योंकि ये बांग्ला भाषा में बात करती हैं. 
एक महिला ने तो यहां तक कहा कि एक पुलिस वाले ने उससे कहा कि बांग्ला भाषा बोलती हो तो बांग्लादेश की ही हो. भाषा तो भाषा होती है. हम बंगाल से हैं तो बांग्ला भाषा ही बोलेंगे. एक महिला ने कहा कि पुलिस कभी भी आ जाती है, रात के 1–2 बजे भी पुलिस दरवाजा पीटने लगती है.
10 बांग्लादेशी इमिग्रेंट को हिरासत में लिया गया- गुरुग्राम पुलिस
हालांकि गुरुग्राम पुलिस के PRO संदीप कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि पिछले 5 दिनों से अवैध घुसपैठियों की पहचान करने के लिए गुरुग्राम पुलिस की ड्राइव अभी भी चल रही है. और इस दौरान गुरुग्राम से 10 बांग्लादेशी इमिग्रेंट को हिरासत में भी लिया गया है. इनके पास से बांग्लादेशी दस्तावेज भी मिले हैं. और इनको डिपोर्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है.
इसके अलावा संदीप कुमार ने एबीपी न्यूज़ को ये भी बताया कि फिलहाल होल्डिंग सेंटर में किसी भी व्यक्ति को नहीं रखा गया है. हालांकि स्पॉट वेरिफिकेशन ड्राइव अभी भी जारी है.
एबीपी न्यूज़ ने गुरुग्राम नगर निगम से भी कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों के वापस चले जाने के मुद्दे और इनके पुलिस वेरिफिकेशन से जुड़ी जानकारी को लेकर सवाल किया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.

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