कैथल जिले के कलायत में राजकीय महिला कॉलेज के पास स्थित भगवान परशुराम सामुदायिक केंद्र की स्थिति चिंताजनक हो गई है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद यह इमारत अधूरी और जर्जर हालत में है। सार्वजनिक उपयोग के लिए बनाई गई यह इमारत अब नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गई है। नशीले पदार्थों के अवशेष बिखरे मिले स्थानीय लोगों के अनुसार निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही इसे छोड़ दिया गया था। इस अधूरे सामुदायिक केंद्र में शराब की खाली बोतलें, सिरिंज और नशीले पदार्थों के अवशेष बिखरे मिलते हैं। इमारत की दीवारों पर पान-गुटखे के निशान हैं। हर कोने में गंदगी फैली हुई है। शाम होते ही यह स्थान असामाजिक तत्वों से भर जाता है। इससे आसपास के निवासियों में भय का माहौल है। छात्राएं और स्टाफ सुरक्षा को लेकर चिंतित विशेषकर राजकीय महिला कॉलेज की छात्राएं और स्टाफ सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। महिलाओं के लिए यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। स्थानीय समाजसेवी संस्थाओं और निवासियों ने कई बार प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर खींचा है, लेकिन उनकी शिकायतें अनसुनी रह गई हैं। किसी भी अधिकारी ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जनता का आरोप है कि यह सरकारी धन की बर्बादी है। निर्माण पूरा करने की संगठनों की मांग प्रशासन की उदासीनता के कारण एक महत्वपूर्ण सामुदायिक सुविधा उपेक्षित पड़ी है। समाजसेवी संगठनों ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत इस अधूरे सामुदायिक केंद्र का निर्माण कार्य पूरा कराए। साथ ही, यहां पर नशेड़ियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाए। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे। जनता के पैसों की बर्बादी का उदाहरण कलायत का अधूरा परशुराम सामुदायिक केंद्र सरकारी परियोजनाओं की लापरवाही और जनता के पैसे की बर्बादी का एक जीता-जागता उदाहरण बन गया है। क्या प्रशासन इस ओर ध्यान देगा और इसे एक उपयोगी सामुदायिक केंद्र में बदल पाएगा, यह देखना बाकी है। भगवान परशुराम समुदाय केंद्र का नवीनीकरण करवाने के लिए सरकार से बजट की मांग की गई थी। 2 करोड़ 60 लाख रुपए बजट पास हो गया है, जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू करवाकर पूरा करवाया जाएगा।
कलायत का सामुदायिक केंद्र बना नशेड़ियों का अड्डा:अधूरी इमारत से मिली शराब की बोतलें, करोड़ों खर्च करने पर भी जर्जर हालत
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