फिल्लौर में अंबेडकर प्रतिमा पर कालिख पोथने का दावा:खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने 6 जून को मूर्तियों को निशाना बनाने की चेतावनी दी

by Carbonmedia
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खालिस्तान समर्थक “सिख्स फॉर जस्टिस” (SFJ) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने जालंधर में फिल्लौर स्थित राधा स्वामी कॉलोनी में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पौथेन का दावा किया है। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची है, लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी मनाई जा रही है। आतंकी पन्नू ने दावा किया है कि डॉ. बेडकर की प्रतिमा मूर्ति पर SFJ संगठन की तरफ से कालिख पोथी गई है। इतना ही नहीं, प्रतिमा पर एसएफजे का नाम लिखा गया और खालिस्तान का झंडा भी लहराया गया। SFJ ने इस घटना का एक वीडियो जारी करते हुए 6 जून को पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में अंबेडकर की अन्य मूर्तियों को भी इसी तरह “कालिख पोतने” की धमकी दी है। पन्नू ने वीडियो जारी किया SFJ के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू का आरोप है कि भारतीय संविधान— जिसे डॉ. अंबेडकर ने तैयार किया था— ही वह वैचारिक हथियार है, जिसने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को कानूनी वैधता दी। पन्नू ने कहा- “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25(बी) के तहत सिखों को कानूनी रूप से हिंदू घोषित किया गया, जिसने सिख पहचान को मिटाने और गोल्डन टेंपल पर हमले की जमीन तैयार की। अंबेडकर का संविधान ही इंदिरा गांधी सरकार के लिए सिखों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई और हिंसा को उचित ठहराने का जरिया बना।” ऑपरेशन ब्लूस्टार को आधार बना दे रहा धमकियां SFJ ने यह अभियान ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी से जोड़ा है। 6 जून 1984 को भारतीय सेना ने अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल परिसर में एक सैन्य अभियान चलाया था। जिसे सिख इतिहास का काला अध्याय मानते हैं। पुलिस अलर्ट पर, जांच शुरू फिल्लौर की इस घटना को लेकर स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर आ गई हैं। अंबेडकर की मूर्ति के अपमान को लेकर स्थानीय दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। पुलिस ने मूर्ति पर कालिख पोतने और झंडा लगाने की घटना की जांच शुरू कर दी है और दोषियों को पकड़ने के लिए आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। राजनैतिक रूप दे सकते हैं विरोधी अमृतसर में बाबा साहिब की प्रतिमा को खंडित करने के प्रयास के बाद से कई घटनाएं सामने आई हैं। आम आदमी पार्टी ने बाबा साहिब अंबेडकर को सत्ता में आने से पहले व बाद में रोल मॉडल के तौर पर प्रस्तुत किया। लेकिन अब जब ये घटनाएं सामने आ रही हैं तो विपक्ष के पास एक बार फिर राज्य सरकार को घेरने का अवसर मिल गया है।

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