राज्यसभा में ऐसा क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बीच में ही दिया जवाब?

by Carbonmedia
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राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल उठाया कि जब सीजफायर के बाद पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ से लोन मिला, तो भारत ने उसका विरोध क्यों नहीं किया? खरगे की इस टिप्पणी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तुरंत खड़े हो गए और जवाब देने लगे. हालांकि उनके जवाब के दौरान विपक्षी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बावजूद इसके, राजनाथ सिंह ने संक्षिप्त रूप से अपनी बात रखी और फिर तुरंत अपनी सीट पर बैठ गए.आपके अहंकार को तोड़ने वाले लोग आएंगे- खरगेऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान खरगे ने कहा कि लोकसभा के विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन पत्र का कोई जवाब नहीं आया. हमारे पत्रों को कचरे के डिब्बे में डाल दिया जाता है. वे इसे पढ़ते भी नहीं हैं. अगर आप में इतना अहंकार है, तो एक दिन आपके अहंकार को तोड़ने वाले लोग आएंगे. यह अच्छा नहीं है. आपके पास एक-दो वाक्य लिखने का समय नहीं है. लोगों के गले पड़ने की फुर्सत है.राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान खरगे ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. खरगे ने पहलगाम हमले को लेकर सवाल उठाया कि आखिर आतंकी वहां तक पहुंचे कैसे? क्या यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भीतर सभी नंबर 1 और 2 से डरते हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली, लेकिन क्या यह गृह मंत्री को बचाने की रणनीति थी? जब सुरक्षा व्यवस्था विफल रही तो जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की जा रही?
तीन आतंकी मारे गए तो बाकी कहां हैं?कांग्रेस नेता खरगे ने कहा कि उन्हें सेना पर गर्व है और उन्होंने सेना की बहादुरी को सलाम किया, लेकिन सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘ये पहाड़ खोदकर चूहा निकालने वाले हैं.’ साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि तीन आतंकी मारे गए, लेकिन बाकी कहां छिपे हैं? विपक्ष की चिट्ठियों को कूड़े में फेंक दिया जाता है, और जब सर्वदलीय बैठक बुलाई गई तो प्रधानमंत्री उसमें शामिल तक नहीं हुए.
उन्होंने कहा कि जब ये नेता छोटे थे, तब कहते थे ‘चाचा नेहरू आए’, और आज वही नेहरू पर टिप्पणी कर रहे हैं. सरकार पर निशाना साधते हुए खरगे बोले, ‘आपने सिर्फ झूठ के कारखाने बनाए हैं, लोग आपकी बातों पर विश्वास नहीं करेंगे. आपको सच बोलना चाहिए और सरकार को सच सुनने का साहस दिखाना चाहिए. आप बिना बुलाए जाकर गले लगते हैं.’

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