इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) को बढ़ाने की खबरों को फेक बताया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर LTCG को 12.5% से बढ़ाकर 18.5% करने की अफवाहें फैली थीं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ किया कि रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए LTCG टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं होगा। डिपार्टमेंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कुछ समाचारों और मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह खबर फैलाई जा रही है कि नया इनकम टैक्स बिल, 2025 करदाताओं के लिए LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) पर टैक्स दरें बदलने का प्रस्ताव रखता है। लेकिन साफ किया जाता है कि इनकम टैक्स बिल, 2025 का मकसद केवल भाषा को आसान बनाना और पुराने या बेकार नियमों को हटाना है। इसका उद्देश्य टैक्स की दरें बदलना नहीं है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स क्या है? लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) यानी वह मुनाफा, जिसे आप किसी संपत्ति (जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी) को एक साल से ज्यादा रखने के बाद बेचने पर कमाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपने 1 लाख रुपए में शेयर खरीदे और 1 साल बाद 1.5 लाख में बेचे, तो 50,000 रुपए का मुनाफा LTCG कहलाएगा। भारत में LTCG पर 12.5% टैक्स लगता है। लेकिन 1.25 लाख रुपए तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यह टैक्स नियम लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देने किए लिए बनाया गया है। बिल पर सिलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश इससे सोमवार (21 जुलाई) को सांसद और फाइनेंस सिलेक्ट कमेटी के चेयरमैन बिजयंत जय पांडा ने नए इनकम टैक्स बिल पर सिलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी। इसमें बताया गया कि सरकार टैक्स कानूनों को आसान बनाने के लिए नया इनकम टैक्स बिल लेकर आ रही है। इसमें टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए इनकम टैक्स एक्ट के शब्दों की संख्या को लगभग 50 फीसदी घटाकर करीब 5 लाख से 2.5 लाख किया गया है। पांडा ने इस कानूनी बदलाव के बारे में बात करते हुए कहा कि नए ड्राफ्ट बिल में इनकम टैक्स एक्ट में बहुत ही आसान फॉर्मूले और टेबल दिए गए हैं ताकि यह और सरल हो जाए। टैक्स पॉलिसी और दरों में कोई बदलाव नहीं पांडा ने कहा, इस बिल में इनकम टैक्स पॉलिसी या टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमने ऐसा सोचा भी नहीं था। फिलहाल, इस उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कानून सरल हो। रिपोर्ट में इनकम टैक्स से जुड़ीं परिभाषाओं को और सरल और स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण बदलावों का सुझाव दिया है। 150 अफसरों की कमेटी ने बनाया नया इनकम टैक्स बिल इस काम में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के करीब 150 अफसरों की कमेटी लगी थी। नए बिल को अंतिम रूप देने में 60 हजार से ज्यादा घंटे लगे। इनकम टैक्स बिल को आसान, समझने लायक बनाने और गैर-जरूरी प्रावधान हटाने के लिए 20,976 ऑनलाइन सुझाव मिले। इनका विश्लेषण किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मशविरा किया गया। ऐसे संशोधन कर चुके ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन से भी सलाह ली गई। 2009 और 2019 में इस संदर्भ में तैयार किए गए दस्तावेजों का अध्ययन भी किया गया। नया इनकम टैक्स बिल गुरुवार, 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया। 622 पन्नों वाला बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है। नए इनकम टैक्स बिल की 4 बड़ी बातें… 12 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री की 1 फरवरी को पेश बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… 1. लोकसभा में पेश हुआ इनकम टैक्स बिल: इसके पन्ने 823 से घटाकर 622 किए, अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत आएंगे क्रिप्टो एसेट नया इनकम टैक्स बिल आज यानी गुरुवार, 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया है। 622 पन्नों वाला बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… नया इनकम-टैक्स बिल तैयार करने में 60 हजार घंटे लगे: 20,976 सुझाव मिले, जानें ये कैसे बना और इसमें क्या है? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में नया आयकर बिल पेश किया है। यह लोकसभा में पास हो गया। आइए जानते हैं कि इस बिल में क्या खास है? पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा:इनकम टैक्स ने खबरों को फेक बताया; LTCG 12.5% से बढ़ाकर 18.5% करने की अफवाह थी
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