Moulana Arshad Madani: आज़मगढ़ के सरायमीर में मदरसों को लेकर हुए एक कार्यक्रम में कई अहम मुद्दों पर खुलकर बातें की गईं. इस कार्यक्रम के बाद एबीपी न्यूज़ से जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों मदरसों को लेकर सबसे ज्यादा समस्याएं सामने आ रही हैं. ऐसे में उन लोगों को एकजुट करना ज़रूरी था जिन्हें सिस्टम से बाहर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह जगह कार्यक्रम के लिए सबसे उपयुक्त थी, इसलिए यहीं पर सभी को बुलाया गया.
मदरसों पर की जा रही कार्रवाई को लेकर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी. मौलाना मदनी ने कहा कि जो बातें मानकों के विपरीत होने को लेकर कही जा रही हैं, वे पूरी तरह सही नहीं हैं. खासकर यूपी नेपाल बॉर्डर पर मौजूद मदरसों को लेकर जो शक जताया जा रहा है, वह पहले भी उठाया गया था. लेकिन वाजपेयी सरकार के वक्त संसद में साफ कहा गया था कि किसी भी बॉर्डर स्थित मदरसे से दहशतगर्दी नहीं फैली है. पर आज एक बार फिर से नफरत फैलाने के लिए ऐसे मुद्दों को उठाया जा रहा है.
मदरसा सिर्फ दीनी तालीम के लिए
मदरसा मॉर्डनाइजेशन पर मदनी ने साफ कहा कि हमारा मदरसा सिर्फ दीनी तालीम के लिए है. यहां कोई भी आए, किसी भी उम्र में मजहब सीख सकता है. अंग्रेज़ी या साइंस की पढ़ाई करनी है तो उसके लिए और संस्थान हैं. उन्होंने सरकार पर सीधा सवाल उठाया कि जब हम न मान्यता लेते हैं, न फंड, तो सरकार को क्या हक है दखल देने का. मदरसों में क्या पढ़ाया जाए, यह हम तय करेंगे. उन्होंने मॉर्डनाइजेशन का विरोध करते हुए इसे मजहबी आज़ादी में हस्तक्षेप बताया.
वक़फ सम्पत्तियों को बर्बाद करने की कोशिश
वक्फ को लेकर पूछे गए सवाल पर मौलाना मदनी में नाराजगी जताई कहा कि कोर्ट में मामला चल रहा है, लेकिन सरकार नए-नए एक्ट लाकर वक्फ संपत्तियों को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है. मस्जिदें, मदरसे और कब्रिस्तान इस साजिश का शिकार हो सकते हैं.
बकरीद पर साफ़-सफाई की अपील
बकरीद पर विश्व हिंदू परिषद की अपील पर मदनी ने सहमति जताते हुए कहा कि सांकेतिक कुर्बानी होनी चाहिए और सफाई का पूरा ख्याल रखा जाए. वहीं राम मंदिर को लेकर कहा कि हमने पहले ही कहा था कि फैसला जो भी हो, हम खामोश रहेंगे और हम खामोश हैं. उन्होंने मंच से संबोधन में कहा था कि वो दिन आयेगा जब कहा जायेगा गवर्नमेंट ने जुल्म किया है, मस्जिद की जगज राम मन्दिर को दे दी.