कैथल को बाढ़ से बचाने की प्रशासन की तैयारी:डीसी बोलीं, नालों, ड्रेन व सीवरेज की हो तुरंत सफाई, 10 जून तक दिया समय

by Carbonmedia
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कैथल में डीसी प्रीति ने अपने कार्यालय में पानी की निकासी से संबंधित विभागों के अधिकारियों से बैठक की। इस दौरान उन्होंने मानसून के दौरान बाढ़ बचाव प्रबंधों पर बातचीत की। डीसी ने कहा कि अधिकारी अपने-अपने विभाग के अधीन आने वाले सभी नालों, ड्रेन व सीवरेज की मानसून के दृष्टिगत सफाई सुनिश्चित करें। इसके लिए मनरेगा से मदद ली जानी हो या फिर किन्हीं दो विभागों में आपसी तालमेल बनाकर सफाई करवाई जानी हो, स्वयं पहल करते हुए फैसला लें। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नाले व सीवरेज साफ करने के आदेश उन्होंने कहा कि इस बार मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नालों, सीवरेज सहित पानी निकासी से जुड़े सभी माध्यमों की साफ-सफाई समय रहते सुनिश्चित की जाए। इसी के संदर्भ में जिले में 10 जून से पहले अधिकारी इस कार्य को पूरा करना सुनिश्चित करवाएं, बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिति पैदा न हो। उन्होंने जिला नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि सभी शहरों में सीवरेज सफाई के लिए विशेष अभियान चलाएं। शहर में सीवरेज व नालों में पॉलीथिन आदि यदि कहीं फंसे हैं तो उनकी सफाई करवाई जाए। पार्काें में बारिश के पानी को भूमि के अंदर डालने के लिए बनाए गए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को चालू रखें। जलभराव के प्वाइंट पर विशेष फोकस जहां जरूरत हो, वहां सोख्ता गड्डे अपनाएं। पिछले सालों में शहरों में कहां-कहां जलभराव हुआ, उन प्वाइंट पर विशेष फोकस किया जाए। समय रहते इसका उपाय ढूंढें। सड़कों आदि में कहीं बड़े गड्डे हों तो उन्हें भरवाएं। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में आने वाली ड्रेनों व सीवरेज की सफाई सुनिश्चित करवाएं। आला अधिकारी स्वयं इस कार्य की मॉनिटरिंग करें। ड्रेनों की सफाई करवाएं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा से हो या अन्य किसी माध्यम से, सभी ड्रेनों की सफाई समय रहते हो जाए। ताकि बारिश के समय में जलभराव जैसी स्थिति न हो। उन्होंने डिप्टी सीईओ जिला परिषद को निर्देश दिए कि जहां संभव हो, वहां अभी से गांव में तालाबों की पानी निकासी करवाएं। ताकि उनमें बारिश का पानी स्टोर हो सके। बिजली अधिकारी सुनिश्चित करें कि बारिश तूफान आदि की स्थिति से निपटने के लिए संसाधन पर्याप्त हों। सभी अधिकारी आपात स्थिति के लिए अपने-अपने विभाग की टीम को सक्रिय रखें। जिन गांवों में बारिश के समय में जलभराव की स्थिति होती है, उन गांवों में पहले से ही निकासी के आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें।

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