महेंद्रगढ़ के दो ऐतिहासिक स्मारकों के पास खनन-निर्माण प्रतिबंधित:15 से 30 मीटर के दायरे में नहीं हो पाएंगी ऐसी गतिविधियां

by Carbonmedia
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हरियाणा के नारनौल में विरासत एवं पर्यटन विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर महेंद्रगढ़ जिले के दो ऐतिहासिक स्मारकों व स्थलों के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में 14 ऐतिहासिक स्मारकों व स्थलों के आसपास के क्षेत्रों को उनके पुरातात्विक महत्व को देखते हुए निषिद्ध एवं विनियमित क्षेत्र घोषित किया है। इन स्थलों के 15 मीटर के दायरे में खनन गतिविधियों एवं निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है तथा उसके आगे साथ लगते 30 मीटर के दायरे में विनियमित किया गया है। डीसी डॉ विवेक भारती ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय हरियाणा के राज्यपाल की मंजूरी से हरियाणा प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1965 की धारा 29 के तहत लिया गया है।उन्होंने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में इस्लामपुर और बावड़ी नारनौल को शामिल किया गया है।उन्होंने बताया कि अधिसूचना के अनुसार इन दोनों ऐतिहासिक स्मारकों व स्थलों की संरक्षित सीमा से 15 मीटर तक के क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है, जबकि इससे आगे साथ लगते 30 मीटर को खनन कार्यों और निर्माण के प्रयोजनों के लिए विनियमित क्षेत्र घोषित किया गया है। लोगों के मांगे गए सुझाव इस पूरे क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण, उत्खनन या अन्य गतिविधि पूर्णतया प्रतिबंधित है। उपायुक्त ने बताया कि विभाग ने स्पष्ट किया है कि राज्य राजपत्र में इस अधिसूचना के प्रकाशन के 60 दिनों के भीतर, कोई भी व्यक्ति या संगठन इस मामले के संबंध में आपत्ति या सुझाव देना चाहता है, तो वह लिखित रूप से निदेशक, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, हरियाणा को प्रस्तुत कर सकता है। इस अवधि के दौरान प्राप्त सभी आपत्तियों और सुझावों पर अंतिम कार्यान्वयन से पहले गंभीरता से विचार किया जाएगा।उन्होंने बताया कि यह कदम हरियाणा की समृद्ध पुरातात्विक विरासत को संरक्षित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

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