कुरुक्षेत्र में फिजी वायरस का खतरा मंडराया:किसान खुद नष्ट कर रहे अपनी जीरी; संक्रमण से बोने रह रहे पौधे; भाकियू आज देगी ज्ञापन

by Carbonmedia
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कुरुक्षेत्र में धान (जीरी) की फसल पर फिजी वायरस के संकट को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) आज तहसील स्तर पर ज्ञापन देगी। भाकियू वायरस से खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग कर रही है। जिला कुरुक्षेत्र में फिजी वायरस की संक्रामक बीमारी ने दर्जनों गांवों की फसल को बर्बाद कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, फिजी वायरस के चलते धान के पौधे बौने हो गए हैं, जिससे पैदावार शून्य होने की कगार पर पहुंच गई है। हालात इतने खराब हैं कि किसान खुद अपनी खड़ी फसल को नष्ट करने को मजबूर हैं। वहीं किसान आरोप लगा रहे है कि कृषि विभाग से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। किसानों पड़ रही दोहरी मार फिजी वायरस के कारण नीमवाला,जंधेड़ी और असमानपुर गांव में कई किसान अपनी फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर चुके हैं। असमानपुर के जितेन्द्र सिंह, जंधेड़ी के धर्मपाल और नीमवाला के किसान परमजीत अपनी-अपनी करीब 10 एकड़ में लगी पूरी फसल को नष्ट कर चुके हैं। साथ ही उनको दोबारा रोपाई करनी पड़ रही है। दोबारा लेट रोपाई से पैदावार भी कम होने की आशंका है। भाकियू की सर्वे की मांग भारतीय किसान यूनियन (पिहोवा) की टीम ने आस-पास के प्रभावित किसानों से मिलकर कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की। किसानों का कहना है कि पूरे क्षेत्र में विशेष गिरदावरी की जाए और फसल नुकसान का आकलन कर किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। नहीं हुआ कोई सरकारी सर्वे भाकियू के प्रवक्ता प्रिंस वडै़च ने आरोप लगाया कि इतने बड़े नुकसान के बावजूद कृषि विभाग ने अब तक अपनी ओर से कोई सर्वे रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजी। इससे किसानों में भारी आक्रोश है। आज वे रणनीति के तहत SDM को सीएम के नाम ज्ञापन देंगे। किसानों की 4 बड़ी मांगें -फिजी वायरस से प्रभावित फसलों की तत्काल विशेष गिरदावरी करवाई जाए। -किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपए मुआवजा सीधे खाते में दिया जाए। -कृषि वैज्ञानिकों की टीम भेजकर वायरस की रोकथाम के उपाय हो। -अगली फसल के लिए किसानों को बीज व दवाओं में सरकारी सहायता मिले।

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