केंद्र सरकार ने पंजाब के बिजली और लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ को अमेरिका यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। उन्हें 4 से 6 अगस्त 2025 तक अमेरिका के बोस्टन, मैसाचुसेट्स में आयोजित होने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ स्टेट लेजिस्लेचर्स (NCSL) लेजिस्लेटिव समिट 2025 में भाग लेना था। यह दुनिया भर के विधायी नेताओं, नीति विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं का एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। पंजाब सरकार को गुरुवार को केंद्र की ओर से आधिकारिक रूप से सूचित किया गया कि मंत्री को राजनीतिक अनुमति नहीं दी जा रही है। यह लगातार पांचवीं बार है जब आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के किसी मंत्री या वरिष्ठ पदाधिकारी को विदेश दौरे की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा नहीं दी गई। हरभजन सिंह ईटीओ को यह आमंत्रण NCSL और नेशनल लेजिस्लेटर्स कॉन्फ्रेंस भारत (NLC भारत) की ओर से संयुक्त रूप से भेजा गया था। पंजाब सरकार द्वारा 28 जुलाई को जारी प्रेस नोट में कहा गया था कि यह आमंत्रण मंत्री को राज्य में विधायकी शासन और लोक प्रशासन में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया। सरकार ने इस दौरे को एक अवसर बताया था हरभजन सिंह ने स्वयं इस सम्मेलन को पंजाब के लिए एक अवसर बताया था और कहा था कि यह वैश्विक मंच दुनिया भर के विधायकों और नीति-निर्माताओं से जुड़ने और नवाचारपूर्ण विचारों के आदान-प्रदान का मौका देगा, जिसे राज्य में लागू किया जा सकता है। NCSL समिट को विधायी प्रक्रियाओं, प्रशासन और नीतियों पर संवाद के लिए दुनिया के सबसे बड़े मंचों में से एक माना जाता है। यह सम्मेलन वैश्विक स्तर पर जनप्रतिनिधियों को सीखने, नेटवर्किंग करने और नई सोच के साथ आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इस इनकार के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन एक बार फिर AAP सरकार और केंद्र के बीच राजनीतिक रिश्तों में खिंचाव की चर्चा तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सहित 4 नेताओं के दौरे हो चुके रद्द 1. मुख्यमंत्री भगवंत मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को वर्ष 2024 में फ्रांस के पेरिस में आयोजित ओलंपिक खेलों के दौरान एक हॉकी मैच देखने के लिए विदेश यात्रा की योजना बनाई गई थी। इस यात्रा के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से राजनीतिक मंजूरी मांगी थी, लेकिन केंद्र ने इसकी अनुमति नहीं दी। यह मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना क्योंकि भगवंत मान देश के एक निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और उनकी विदेश यात्रा को रोकने को आम आदमी पार्टी ने “राजनीतिक भेदभाव” करार दिया था। 2. विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को अमेरिका के केन्टकी राज्य में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने का आमंत्रण मिला था। उन्होंने इस यात्रा के लिए केंद्र सरकार से राजनीतिक अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें भी मंजूरी नहीं दी गई। एक संवैधानिक पद पर होने के बावजूद संधवां को रोकने को लेकर आम आदमी पार्टी ने नाराजगी जताई थी और इसे संघीय ढांचे पर हमला बताया था। पार्टी का कहना था कि विधायी अनुभवों के आदान-प्रदान और पंजाब के प्रतिनिधित्व के लिए यह यात्रा आवश्यक थी, जिसे दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रोका गया। 3. मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां को भी एक अंतरराष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा पर जाना था। उन्होंने इस सिलसिले में केंद्र सरकार से राजनीतिक मंजूरी की मांग की थी, लेकिन उन्हें भी अनुमति नहीं दी गई। इस यात्रा का उद्देश्य कृषि तकनीकों, फसलों की गुणवत्ता और वैश्विक बाजार से जुड़ी संभावनाओं का अध्ययन करना था, जिससे पंजाब के किसानों को लाभ हो सके। लेकिन केंद्र द्वारा इजाजत न मिलने से यह योजना अधूरी रह गई। आम आदमी पार्टी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह फैसला कृषि सुधारों की दिशा में एक बाधा है। 4. मंत्री अमन अरोड़ा
पंजाब सरकार में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा वर्ष 2022 में यूरोप की यात्रा पर जाना चाहते थे। इस यात्रा का उद्देश्य था—वहाँ की हाइड्रोजन ऊर्जा तकनीकों और पर्यावरण अनुकूल समाधानों का अध्ययन करना, ताकि पंजाब में हरित ऊर्जा की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके। उन्होंने केंद्र सरकार से राजनीतिक अनुमति मांगी थी, लेकिन केंद्र ने मंजूरी नहीं दी। अमन अरोड़ा की यह प्रस्तावित यात्रा पंजाब में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिहाज़ से अहम मानी जा रही थी। आम आदमी पार्टी ने इस फैसले पर विरोध जताया और कहा कि यह विज्ञान और विकास के अवसरों को रोकने जैसा है।
पांचवीं बार AAP नेता की विदेश यात्रा पर लगाई रोक:मंत्री ईटीओ को नहीं मिली राजनीतिक अनुमति; नहीं जा पाएंगे अमेरिका यात्रा पर
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