हरियाणा के नूंह जिले में लगातार बढ़ रही बूच़डखानों की संख्या को लेकर मेवात के लोगों ने अब विरोध करना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से जहां सोशल मीडिया पर बूचड़खानों का मुद्दा गरमाया हुआ था, वहीं शुक्रवार को नूंह की अनाज मंडी में क्षेत्र के सामाजिक संगठनों , नेतागण और आमजन ने एक बैठक का आयोजन कर आगामी रणनीति बनाने के साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस बैठक में नूंह जिले के तीनों कांग्रेसी विधायक , हथीन के विधायक और इनेलो के नेताओं सहित क्षेत्र की आम जनता भी मौजूद थी। बैठक में सभी ने एक सुर में कहा कि मेवात में बूचड़खानों को पनपने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए जितनी लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी वह लड़ेंगे। मेवात में बढ़ती बूचड़खानों की संख्या बिगड़ रही क्षेत्र की आबोहवा नूंह जिले में लगातार बढ़ रही बूचड़खानों की संख्या मेवात की आबोहवा को बिगाड़ने का काम कर रही है। सबसे ज्यादा फिरोजपुर झिरका विधानसभा में इन बूचड़खानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसी समस्या को लेकर मेवात के आम जन के साथ-साथ सामाजिक संगठनों और नेताओं ने इन बूचड़खानों के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का रुख अख्तियार किया। शुक्रवार को अनाज मंडी में आयोजित हुई अब बैठक में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मेवात में यूनिवर्सिटी और उद्योग धंधों की जरूरत है, कत्लखानों की जरूरत नहीं है। इनसे कैंसर, दमा और सांस जैसी भयानक बीमारियां होने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बूचड़खाने की चिमनियों से लगातार प्रदूषण के साथ-साथ काफी धुआं उठता दिखाई देता है। जिससे लोगों को सांस, दमा जैसी बीमारियां सहित कैंसर जैसे भयंकर रोग होने का खतरा सताने लगा है। बूचड़खाने से निकलने वाले अवेशष खुले में फेंकने का आरोप इनेलो नेता हबीब हवनगर ने कहा कि यूपी से पलायन कर मेवात में बूचड़खानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आने वाले भविष्य के लिए जो बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि फिरोजपुर झिरका क्षेत्र के गांव मांडीखेड़ा के समीप बने अल नावेद बूचड़खाने के अवशेषों को बाहर फेंकने का मामला भी कुछ दिन पहले सामने आया था। जिसकी एक वीडियो भी वायरल हुई थी। जिसमें बूचड़खाना द्वारा अवशेषों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर बाहर फेंकते समय गांव में रास्तों में बिखरे हुए देखा जा सकता है। इन बूचड़खानों की बदबू से जहां गांव के लोगों में बीमारियां फैल रही है, वहीं करीब 10 किलोमीटर दूर तक लोग इस बदबू से प्रभावित हो रहे हैं। इनको बंद कराने के लिए जितना भी संघर्ष करना पड़ेगा वह करने को तैयार है। जमीन हो रही खराब इनेलो नेता हबीब हवनगर ने बताया कि बूचड़खाने हमारे लिए घातक और खतरनाक हैं। इसे जहां जमीन खराब हो रही है,वहीं जमीन के अंदर का पानी भी दूषित हो रहा है। बारिश के मौसम में हालात और भी खराब हो जाते हैं। जिन खुले गड्ढों में पशुओं के अवशेषों को फेंका जा रहा है,बारिश में वह आसपास के खेतों में फैल जाते हैं। यह हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी है। 50 से अधिक बूचड़खानों को यहां लाइसेंस दिया सामाजिक संगठन ने कहा कि मेवात को बूचड़खानों की धरती बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक 50 से अधिक बूचड़खानों को यहां लाइसेंस दिया जा चुका है। बूचड़खानों से आने वाली बदबू ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। क्षेत्र के लोग नई-नई बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन बूचड़खानों पर रोक लगाई जाए। जिससे यहां हिन्दू मुस्लिम भाईचारा कायम रहे। लोगों का कहना है कि आज मेवात में यूनिवर्सिटी और युवाओं को रोजगार देने के लिए उद्योगों की जरूरत है। लेकिन मेवात में जहां 20 के लगभग बूचड़खाने है, वहीं कई दर्जन बूचड़खाने बनने के लिए पाइप लाइन में है। जिससे अब मेवात के लोगों को डर सताने लगा है कि आने वाले समय में मेवात के बच्चे जहां पहले से ही बीमारी ग्रस्त हो रहे है।
नूंह में बूचड़खानों को लेकर बैठक:कांग्रेस के विधायक रहे मौजूद,बोले बूचड़खानों को पनपने नहीं दिया जाएगा
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