हरियाणा में आज से एकीकृत पेंशन योजना (UPS) योजना लागू कर दी गई है। हालांकि कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध किया है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि ओपीएस कर्मचारियों की लाइफलाइन है और इससे हासिल करने के लिए व्यापक एकता के साथ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि “वन नेशन,वन इलेक्शन” के पैरोकार “वन नेशन, वन पेंशन” पर चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने इससे सबक लेना चाहिए और पहली अगस्त से यूपीएस लागू करने की बजाय राजस्थान , छत्तीसगढ़ व झारखंड की तरह ओपीएस लागू करने का फैसला करना चाहिए। 8 जुलाई को जारी हो चुका नोटिफिकेशन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत विपक्ष के नेताओं और पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के विरोध के बावजूद सरकार राज्य में सरकार एकीकृत पेंशन योजना लागू करने पर सरकार का कड़ा रुख कायम है। पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग को खारिज करते हुए हरियाणा सरकार की ओर से मंत्रिमंडल में लिए गए एकीकृत पेंशन योजना लागू करने के फैसले की 8 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। कर्मचारियों को सरकार ने विकल्प दिया हरियाणा में विभिन्न सरकारी विभागों में तैनात कर्मचारी अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर पहली अगस्त यानी आज से एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प चुन सकेंगे। यह उनकी मर्जी होगी कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) चुनते हैं या फिर यूपीएस। हालांकि बोर्ड-निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों और विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को अभी यूपीएस के लिए इंतजार करना होगा। यहां पढ़िए यूपीएस योजना में क्या क्या… 1. 50% राशि पेंशन में मिलेगी 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी को यूपीएस के तहत सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीनों के दौरान प्राप्त औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन में मिलेगी। यदि कर्मचारी 10 या इससे अधिक वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होता है तो उसे प्रति माह दस हजार रुपये का न्यूनतम गारंटीकृत भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। 2. मृत्यु के बाद परिवार को मिलेगा 60% लाभ पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में परिवार को अंतिम आहरित पेंशन राशि का 60 प्रतिशत प्राप्त होगा। यह महंगाई राहत सुनिश्चित पेंशन भुगतान और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगी, जिसकी गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते के समान ही की जाएगी। महंगाई राहत केवल तभी देय होगी, जब पेंशन भुगतान शुरू हो जाएगा। 3. रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान की अनुमति रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान की भी अनुमति दी जाएगी, जो अर्हक सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (मूल वेतन महंगाई भत्ता) का दस प्रतिशत होगा। यह एकमुश्त राशि सुनिश्चित पेंशन भुगतान को प्रभावित नहीं करेगी। वर्तमान नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी दस प्रतिशत अंशदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है। यूपीएस के तहत सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा। 4. कोष में दो निधियां होंगी यूपीएस के तहत कोष में दो निधियां शामिल होंगी। एक व्यक्तिगत कोष जिसमें कर्मचारी अंशदान और हरियाणा सरकार से प्राप्त योगदान शामिल होगा जो हरियाणा सरकार से अतिरिक्त योगदान द्वारा वित्त पोषित एक पूल कार्पस फंड के रूप में संचालित होगा। योजना के तहत कर्मचारी अपने (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का दस प्रतिशत योगदान देंगे, जिसमें हरियाणा सरकार से मिला बराबर योगदान होगा। दोनों राशियां प्रत्येक कर्मचारी के व्यक्तिगत कोष में जमा की जाएंगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार यूपीएस का विकल्प चुनने वाले सभी कर्मचारियों के (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का अनुमानित 8.5% औसत आधार पर पूल कार्पस में योगदान करेगी। 5. निवेश विकल्पों का भी मिलेगा ऑप्शन कर्मचारी अपने व्यक्तिगत कोष के लिए निवेश विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं, जिसे पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा विनियमित किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी निवेश वरीयता निर्दिष्ट नहीं करता है तो पीएफआरडीए द्वारा परिभाषित निवेश का डिफाल्ट पैटर्न लागू होगा। 6. रिटायरमेंट के 15 वर्ष बाद समर्पित पेंशन बहाल हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2016 के नियम 95(2) में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी द्वारा समर्पित की गई पेंशन की राशि को सेवानिवृत्ति की तिथि से 15 वर्ष पूर्ण होने पर पुनः बहाल कर दिया जाएगा।
हरियाणा में आज से लागू हुई UPS पेंशन योजना:विरोध में आए कर्मचारी संगठन; बोले- राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड की तरह ओपीएस लागू करे
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