प्राइवेट नौकरी करने वालों को सबसे ज्यादा होता है इन बीमारियों का खतरा, क्या है इनसे बचने का तरीका?

by Carbonmedia
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प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों की लाइफस्टाइल बेहद खराब होती है, लेकिन एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिससे उनकी टेंशन और ज्यादा बढ़ने वाली है. दरअसल, हाल ही में एक सर्वे किया गया था. इसमें सामने आया कि प्राइवेट जॉब करने वाले 70 पर्सेंट से ज्यादा लोग लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में हैं. इनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और स्ट्रेस जैसी बीमारियां शामिल हैं, जिनकी वजह से नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. आइए जानते हैं कि ये बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं और इनसे बचने का तरीका क्या है? 
सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
जानकारी के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों पर हाल ही में एक सर्वे किया गया. इसमें सामने आया कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 20 पर्सेंट लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. वहीं, 14 पर्सेंट लोग हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत से जूझ रहे हैं. 6.3 कर्मचारी मोटापे के शिकार हैं तो 3.2% लोगों में हार्ट से जुड़ी दिक्कतें देखी गईं. इसके अलावा 1.9 पर्सेंट लोगों में किडनी की बीमारी मिली. सबसे चिंताजनक बात यह है कि 50 पर्सेंट से ज्यादा कर्मचारी स्ट्रेस यानी मानसिक तनाव से परेशान हैं, जिससे ये बीमारियां और ज्यादा खतरनाक साबित हो रही हैं. सर्वे में शामिल 63 पर्सेंट लोगों ने माना कि वे अपनी सेहत पर ध्यान देने के लिए वक्त नहीं निकाल पाते, जिससे दिक्कतें बढ़ रही हैं.
क्यों खतरनाक हो रहीं ये बीमारियां?
मुंबई के सीनियर फिजिशियन डॉ. अजय शर्मा के मुताबिक, प्राइवेट नौकरियों का बदलता नेचर इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार है. आजकल ऑफिस में 9-10 घंटे तक बैठे रहना आम बात हो गई है. लंबे समय तक एक ही जगह पर काम करने से मोटापा और जोड़ों के दर्द की शिकायत बढ़ रही है. इसके अलावा जंक फूड और अनियमित खानपान की आदतें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ा रही हैं. कई कर्मचारी रात में देर तक काम करते हैं, जिससे नींद की कमी हो जाती है. नींद की कमी से न सिर्फ स्ट्रेस बढ़ता है, बल्कि हार्ट और किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है.
ये दिक्कतें भी कर रहीं परेशान
दिल्ली में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रिया गुप्ता ने बताया कि ज्यादातर लोग लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते हैं, जिससे आंखों की कमजोरी और गर्दन दर्द की शिकायतें आम हो गई हैं. इसके अलावा काम के दबाव में लोग एक्सरसाइज या योग के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं, जिससे दिक्कत काफी ज्यादा बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें. ऑफिस में हर 2 घंटे बाद 5 मिनट उठकर टहलें. अगर सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत या थकान महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. हार्ट की सेहत के लिए नियमित जांच जरूरी है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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