‘हर खामी की होगी पारदर्शी जांच’, कालेश्वरम परियोजना पर घोष रिपोर्ट को लेकर बोले CM रेवंत रेड्डी

by Carbonmedia
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तेलंगाना के बहुचर्चित ‘कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना’ को लेकर पीसी घोष कमीशन की रिपोर्ट शुक्रवार (01 अगस्त, 2025) मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को सौंपी गई. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क, सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी और राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी भी उपस्थित थे.
यह महत्वपूर्ण दस्तावेज सिंचाई विभाग के सचिव प्रशांत पाटिल, संयुक्त सचिव श्रीनिवास और राज्य के मुख्य सचिव राम कृष्ण राव ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किया. कालेश्वरम परियोजना, जिसे तेलंगाना में सिंचाई और जल प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम माना जाता है, पर अनियमितताओं और तकनीकी खामियों की शिकायतों के बाद पीसी घोष कमीशन का गठन किया गया था.
तथ्यों की गहन और उचित कदम
यह कमीशन परियोजना की लागत, निर्माण गुणवत्ता और कार्यान्वयन की जांच के लिए नियुक्त किया गया था. सूत्रों के अनुसार, यह रिपोर्ट परियोजना के विभिन्न पहलुओं, जैसे वित्तीय प्रबंधन, ठेके आवंटन और तकनीकी कमियों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस अवसर पर कहा, ‘कालेश्वरम परियोजना राज्य के लिए महत्वपूर्ण है और हम सुनिश्चित करेंगे कि इसकी हर खामी को पारदर्शी तरीके से दूर किया जाए. इस रिपोर्ट के आधार पर हम तथ्यों की गहन जांच करेंगे और जनता के हित में उचित कदम उठाएंगे.’
समिति में शामिल ये अधिकारी सौपेंगे रिपोर्ट
राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट का गहन अध्ययन करने और इसके निष्कर्षों का सारांश तैयार करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है. इस समिति में सिंचाई विभाग के सचिव, कानून विभाग के सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के सचिव शामिल हैं. यह समिति 4 अगस्त को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, ‘हमारी सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध है. इस समिति का गठन यह सुनिश्चित करेगा कि कालेश्वरम परियोजना से संबंधित सभी तथ्य सामने आएं और उचित कार्रवाई की जाए.’
भविष्य में परियोजना के सुधार पर जोर
यह कदम तेलंगाना सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो जनता के धन और संसाधनों के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. इस रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में परियोजना के सुधार और बेहतर कार्यान्वयन की दिशा में कदम उठाए जाने की उम्मीद है.
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