टीचर को स्कूल में फोन जमा कराने के फरमान:एसएमसी में अभिभावकों ने लिखित शिकायत दी, मुखिया बोले, सभी पर लागू हो यह

by Carbonmedia
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हरियाणा के एक स्कूल का अजीब मामला सामने आया है। मामले के अनुसार टीचर स्कूल समय में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। टीचर ज्यादातर क्लास टाइम में पढाते समय मोबाइल चलाते हैं, जिससे बच्चे पढ़ नहीं पाते और पूरी क्लास भी सही से नहीं लग पाती। इस पर बच्चों के अभिभावकों ने कड़ा रख तय कर लिया है। हाल ही में स्कूल में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) की मीटिंग हुई थी, उसी में अभिभावकों ने स्कूल मुखिया व टीचरों के समक्ष यह समस्या रखी। बकायदा, इसकी अभिभावकों ने लिखित शिकायत स्कूल मुखिया को सौंपी। इस पर स्कूल मुखिया ने भी कड़ा संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए कि सभी टीचरों को अपने मोबाइल स्कूल समय में क्लर्क को जमा करवाने होंगे। छुट्‌टी के बाद वापस मिलेंगे। यह ताजा मामला हिसार जिले के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल (जीएसएसएस) सुलखनी सुलखनी का सामने आया है, जहां पर यह फरमान जारी हुए है। इस बारे में स्कूल मुखिया से बातचीत की तो बोले कि यह आदेश सभी स्कूलों में लागू हो, ताकि बच्चों की क्लास परोपर लग सके और कोई दखलअंदाजी न हो। हमने पहल की है और टीचरों ने भी स्पोर्ट किया है। बायोमिट्रिक हाजिरी अनिवार्य की इसके अलावा सुलखनी के सरकारी स्कूल में बायोमिट्रिक हाजिरी को भी अनिवार्य कर दिया गया है। कोई भी टीचर स्कूल में आएगा तो उसे बायोमिट्रिक हाजिरी लगानी होगी। वरना कुछ स्कूलों में बायोमिट्रिक खराब रहती है। सरकार का आदेश : कोई टीचर क्लास में न चलाए मोबाइल जीएसएसएस सुलखनी के प्रिंसिपल राजुकमार श्योराण ने बताया कि कई बार टीचर क्लास समय में ही मोबाइल चलाते रहते हैं। इससे बच्चे पढ़ भी नहीं पाते। ऐसा नहीं कर सकते। इस बारे में सरकार एवं शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हुए हैं कि कोई भी टीचर स्कूल समय या क्लास में मोबाइल का इस्तेमाल न करें। जो क्लास में पढ़ाने का समय तय है, उसमें सही से पढ़ाएं। अगर ऐसा कोई टीचर नहीं करता है तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। क्लास टाइम में टैब चलाने की अनुमति है। मगर टैब का पढ़ाने में बहुत कम इस्तेमाल होता है। यह प्रदेश के हर स्कूलों में लागू होना चाहिए। मगर इस पर कोई ध्यान नहीं देता और इसका असर बच्चों के रिजल्ट पर आता है। अभिभावकों के ऐतराज के बाद लिया फैसला प्रिंसिपल राजुकमार श्योराण ने बताया कि इस पर अभिभावकों ने भी ऐतराज जताया था कि टीचर स्कूल में क्लास में पढाते समय मोबाइल चलाते हैं। इस पर हमारी अभिभावकों के साथ एसएमसी कमेटी में काफी देर चर्चा हुई। इसके बाद यह फैसला लिया है।

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