‘सभी जानते हैं कि बहुमत किसके पास है’, उपराष्ट्रपति चुनाव पर बोले कांग्रेस सांसद शशि थरूर

by Carbonmedia
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कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर ने शनिवार (2 अगस्त, 2025) को संविधान के खतरे में होने के विपक्ष के नैरेटिव को लेकर बयान दिया है. शशि थरूर ने कहा कि संविधान को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. संविधान हमें अधिकार देता है, लेकिन उन्हें अर्थ देना हमारी जिम्मेदारी है. यह एक वास्तविक चिंता है कि क्या हमारी संवैधानिक संस्थाएं वैसा ही कार्य कर रही हैं जैसा उन्हें करना चाहिए. हमारा कर्तव्य है कि हम संविधान की आत्मा को पूरा करें.
उन्होंने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर संवैधानिक नैतिकता की बात करते थे, हमें वही नैतिकता संविधान के कार्यान्वयन में समाहित करनी चाहिए.”
भारत के अगले उपराष्ट्रपति को लेकर क्या बोले थरूर?
केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत के अगले उपराष्ट्रपति को लेकर कहा, “मुझे कोई जानकारी नहीं है. हमें केवल इतना पता है कि यह वही व्यक्ति होगा जिसे सत्तारूढ़ दल नामित करेगा. हम सभी जानते हैं कि बहुमत किसके पास है, यह तय है कि वह नामांकन सत्तारूढ़ दल की ओर से ही होगा. हालांकि, मैं यह उम्मीद करता हूं कि इस विषय पर विपक्ष से भी परामर्श किया जाए.”
मालेगांव विवाद पर शशि थरूर का बयान
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मालेगांव विवाद पर कहा, “मैं इस पर टिप्पणी करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हूं. मुझे वास्तव में इसकी जानकारी नहीं है. एक त्रासदी घटी है, इसमें न्याय होना चाहिए, लेकिन इन मामलों के जो बारीक पहलू हैं, उस पर मेरी टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा.”
डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ पर बोले थरूर
थरूर ने कहा, “मेरा मानना है कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, फिर चाहे वे रणनीतिक हों या आर्थिक संबंध हों. हम अमेरिका को बड़ी मात्रा में वस्तुएं निर्यात कर रहे हैं, इसलिए हम उस बाजार को खोने की स्थिति में नहीं हैं. कुछ लोग कह सकते हैं कि यह हमारे जीडीपी का केवल 2 परसेंट है, लेकिन यह हमारे सबसे बड़े बाजारों में से एक है. जब हम इस टैरिफ की पूरी स्थिति को देखते हैं, तो हमें अपने वार्ताकारों को ताकत और साहस की शुभकामनाएं देनी चाहिए, ताकि वे भारत के लिए एक अच्छा समझौता कर सकें और साथ ही जरूरत पड़ने पर लचीलापन भी दिखा सकें. हालांकि, कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो हमारे मूल हितों से जुड़े हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हमें अमेरिका में अपना बाजार बनाए रखना है और साथ ही जिन अन्य देशों को हम निर्यात करते हैं, उनके साथ भी बात करनी है.”
उन्होंने कहा, “हाल ही में यूके के साथ हुआ समझौता काफी संभावनाएं रखता है. अगर हम यूके, जापान, यूरोपीय संघ के साथ तालमेल बना लें, तो अमेरिका से जो नुकसान हो रहा है, उसकी कुछ भरपाई हो सकती है. मुझे लगता है कि हमें अपने वार्ताकारों का समर्थन करना चाहिए ताकि वे अच्छे परिणाम ला सकें.”
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