कपूरथला में 12 गांव की फसलें डूबी:डैम से छोड़े गए पानी से दरिया ब्यास का जलस्तर बढ़ा, लोगों ने सड़कों पर अस्थायी घर बनाए

by Carbonmedia
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कपूरथला में शनिवार को डैम से छोड़े गए पानी से दरिया ब्यास का जलस्तर बढ़ने से 12 गांव की फसलें डूब गई। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण डैम में जलस्तर बढ़ने का असर अब मैदानी इलाकों पर दिखने लगा है। इससे कपूरथला के सब-डिवीजन भुलत्थ क्षेत्र की कई एकड़ फसल पानी में डूब गई है। मंड हबीबवाल टांडी, रायपुर अराईयां, दाऊदपुर, मिर्जापुर, चक्कोकी मंड, बुताला, ढिलवां और अन्य क्षेत्रों में धान और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गई है। किसानों का कहना है कि पानी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसके चलते वहां रहने वाले गुर्जर अपने मवेशियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। वे सड़कों पर अस्थायी आशियाना बना रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 10 दिन पहले भी इन मंड क्षेत्रों में पानी आने से लोगों की फसलें खराब हो गई थीं। अब भी मंड क्षेत्र के दर्जनों गांव इस पानी से प्रभावित हैं। प्रभावित किसानों में रणधीर सिंह की 35 एकड़ धान, नंबरदार मलकीत सिंह की 15 एकड़, परमजीत सिंह की 15 एकड़, रणजीत सिंह की 15 एकड़, सुखविंदर सिंह की 15 एकड़, बाबा हरदीप सिंह की 12 एकड़, मनजीत कौर की 15 एकड़, निशान सिंह की 10 एकड़ और कुलतार पवित्र सिंह की 9 एकड़ फसल शामिल है। धान, मक्का और गन्ने की फसलें को सबसे ज्यादा नुकसान
इसके अलावा वरिंदर सिंह, आसिफ अली, शाह अली, अहसान अली, जलाउद्दीन सभी निवासी चक्कोकी, खुशदीप खैरा, रायपुर, रईयां मंड व अन्य किसानों की हजारों एकड़ धान, मक्का, गन्ना और अन्य फसलें भी जल में समा गई हैं। पीड़ित किसानों ने नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। चक्कोकी के सरपंच जगतार सिंह हैप्पी खादर और अन्य लोगों ने आरोप लगाया है कि दरिया पार से ब्यास के प्राकृतिक बहाव से छेड़छाड़ करके मंड एरिया की तरफ कटाव किया जा रहा है। इसके कारण हर साल मंड एरिया दरिया ब्यास की भेंट चढ़ता है।

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