जींद जिले के उचाना में खेड़ी मंसानिया गांव में विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने कपास की फसल में गुलाबी सूंडी के नियंत्रण पर विशेष जोर दिया। विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि सबसे पहले खेत में गुलाबी सूंडी के प्रकोप की पहचान करना आवश्यक है। इसके लिए प्रति एकड़ दो फैरामौन ट्रैप लगाने की सलाह दी गई। कीटों की संख्या की जांच किसानों को तीन दिन तक रात में इन ट्रैप में फंसे कीटों की संख्या की जांच करनी चाहिए। यदि प्रति रात 6 से 8 कीट ट्रैप में फंसते हैं, तो नियंत्रण के उपाय शुरू करने होंगे। फसल के शुरुआती 60 दिनों में नीम आधारित उत्पादों जैसे नीम बीसीडीन या नीम सीड कर्नल एक्सट्रैक्ट का छिड़काव करने की सलाह दी गई। वैज्ञानिकों ने आधुनिक तकनीक के उपयोग पर भी बल दिया। वैज्ञानिकों को भेजें फोटो उन्होंने बताया कि किसान अपने मोबाइल से फसल की तस्वीरें खींचकर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को वॉट्सऐप पर भेज सकते हैं और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में डॉ. राजेश कुमार, सुरेंद्र मित्तल केवीके, डॉ. दिनेश गर्ग, डॉ. बलजीत लाठर और डॉ. राहुल उपस्थित रहे।
जींद में कपास की फसल को लेकर किसानों को सलाह:फैरामौन ट्रैप लगाएं, नीम आधारित स्प्रे का करें इस्तेमाल
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