भास्कर न्यूज | लुधियाना बीआरएस नगर ई ब्लॉक गुरुद्वारा साहिब में साप्ताहिक समागम के अवसर पर इस बार विशेष रूप से भाई सुखविंदर सिंह यूके वालों ने कीर्तन सेवा निभाई। उन्होंने सबसे पहले संगत को वाहेगुरु के सिमरन से जोड़ा और फिर गुरबाणी कीर्तन के माध्यम से आत्मा को अध्यात्म से भरपूर किया। भाई साहिब ने संगत से अपील करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी धीरे-धीरे गलत संगत और मार्ग पर जा रही है। अब माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को बचपन से ही गुरबाणी, सेवा और संगत से जोड़ें। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम को बच्चों को गुरुद्वारा साहिब लेकर आएं, ताकि वे सत्संग में बैठकर जीवन के सच्चे मूल्य सीख सकें। भाई साहिब ने इस मौके पर शबद “बिन भागा सत्संग ना लभे, बिन संगत मैल भरीजै जीउ” का गायन किया और उसका भावार्थ समझाते हुए कहा कि सत्संग वह अमूल्य संगत है जो आत्मा को शुद्ध करती है, पर यह भी परमात्मा की कृपा और अच्छे भाग्य से ही मिलती है। बिना सत्संग के मनुष्य मोह, लोभ और अज्ञान की गंदगी में डूबा रहता है। कार्यक्रम के अंत में सभी संगत ने “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। गुरुद्वारा कमेटी की ओर से प्रधान सत्यपाल सिंह, गुलबहार सिंह, सुरिंदर सिंह किवी, गुरमीत सिंह और प्रभजोत सिंह ने भाई साहिब व अन्य रागी जत्थों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया। समापन पर सभी ने गुरु का अटूट लंगर छका।
बिन भागा सत्संग ना लभे, बिन संगत…
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