गुप्ता-जिंदल दोनों एक साथ तिरंगा यात्रा निकालेंगे:हिसार में BJP ने किया दावा, पिछली बार जिंदल के बिना ही मंत्री कमल गुप्ता चल दिए थे

by Carbonmedia
()

हिसार में विभाजन विभीषिका दिवस पर BJP नेताओं ने दावा किया है कह इस बार आजादी दिवस को लेकर हिसार की विधायक सावित्री जिंदल और पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता दोनों एक साथ तिरंगा यात्रा निकालेंगे। पिछली बार तिरंगा यात्रा के दौरान दोनों नेताओं के बीच कन्ट्रोवर्सी देखने को मिली थी। मगर इस बार दोनों नेता एक साथ नजर आ सकते हैं। हिसार में BJP ऑफिस में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान हांसी के विधायक विनोद भ्याणा ने यह दावा किया है। भ्याणा का कहना है कि दोनों ही नेता BJP के लिए सम्माननीय हैं। ऐसे में दोनों ही एक साथ नजर आएंगे। बता दें कि पिछली साल चुनाव से ठीक पहले अगस्त में BJP ने हिसार में तिरंगा यात्रा निकाली थी। इसके संयोजक तब के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता थे। इस यात्रा में सावित्री जिंदल को भी आना था मगर कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल का इंतजार किए बिना ही समय पर यात्रा निकाल दी। जिंदल देरी से पहुंची और अपने समर्थकों के साथ कुछ दूर यात्रा निकालकर नाराजगी जाहिर कर लौट गईं। दोनों नेताओं के बीच खींचतान तब नजर आई थी। गुप्ता-जिंदल परिवार में तनातनी के 3 और उदाहरण 1. मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध किया
हिसार के बस स्टैंड के शिफ्टिंग को लेकर भी दोनों में मतभेद नजर आए। कमल गुप्ता बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते थे। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। बस स्टैंड शिफ्टिंग का व्यापारियों ने विरोध किया। सावित्री जिंदल की घर पर व्यापारियों की मीटिंग भी हुई। इसके बाद कमल गुप्ता नाराज हो गए और उन्हें प्रोजेक्ट टालना पड़ा। 2. चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ लड़े सावित्री जिंदल और कमल गुप्ता विधानसभा चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े। कमल गुप्ता को BJP ने हिसार से टिकट दी तो जिंदल ने बगावत कर निर्दलीय उतरने का फैसला किया। इससे गुप्ता की स्थिति कमजोर हो गई और वैश्य समाज के वोटों का ध्रुवीकरण हो गया। भाजपा अपने गढ़ हिसार में 10 साल बाद हार गई। इस चुनाव में सावित्री जिंदल को हिसार से 49231 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को 30290 वोट और कमल गुप्ता को 17385 वोट मिले। 3. जिंदल समर्थक ने गुप्ता को चप्पल मारी चुनाव प्रचार के दौरान भी नेताओं के समर्थकों में एक दूसरे के प्रति नाराजगी नजर आई। चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में सावित्री जिंदल के समर्थक राजेंद्र सैनी के वर्कर ने गुप्ता को चप्पल मारी थी। इसके बाद सावित्री जिंदल ने अपनी उसी समर्थक को निकाय चुनाव में पार्षद का टिकट भी दिलवा दिया। कमल गुप्ता भी चुनाव में उसका प्रचार करने नहीं गए। राजेंद्र सैनी को हार का मुंह देखना पड़ा। दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ 3 चुनाव लड़ चुके
1. कमल गुप्ता लगातार 2 चुनाव जीते : कमल गुप्ता 2 बार हिसार सीट से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 2014 के बाद 2019 में भी चुनाव जीता। 2014 में कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को ही हराया था। उस समय सावित्री ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2024 में कमल गुप्ता निर्दलीय खड़ी सावित्री जिंदल से चुनाव हार गए। 2. सावित्री जिंदल 3 बार चुनाव जीत चुकीं : हिसार सीट पर सावित्री जिंदल का भी रसूख अच्छा है। वह 3 बार हिसार से चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। पहला चुनाव उन्होंने 2005 में जीता था। तब उप-चुनाव जीतकर वह भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई वाली हरियाणा सरकार में शामिल हुई थीं। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। 2024 में BJP मंत्री कमल गुप्ता को चुनाव हराया। इसके बाद भाजपा को ही समर्थन दे दिया।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment