रोहतक के पीजीआई डायरेक्टर ऑफिस व पोस्टमॉर्टम हाउस के पीछे कर्मचारियों के क्वार्टर व रेलवे लाइन के बीच झाड़ियों में एक जले हुए शव का कुछ हिस्सा 24 जुलाई को पड़ा मिला था। मानव अंगों को केमिकल डालकर जलाया हुआ था। जबकि शरीर का अन्य हिस्सा कहां है, इसका 10 दिन बीतने के बाद भी पुलिस पता नहीं लगा पाई। रेलवे लाइन से मात्र 10 कदम की दूरी पर झाड़ियों में मिले एक हाथ व पेट के कुछ टुकड़ों को केमिकल डालकर जलाया हुआ था। वहीं, घटनास्थल से मात्र 200 मीटर की दूरी पर पीजीआई का न्यूक्लियर मेडिसन विभाग है। जिस सफाई के साथ शरीर के अंगों को काटकर जलाया गया था, वह कई प्रकार के सवाल खड़े कर रहा है। वहीं, जीआरपी की तरफ से चल रही कार्रवाई भी किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है। डॉग स्क्वायड भी नहीं खोज पाई बॉडी जीआरपी की तरफ से डॉग स्क्वायड टीम का सहारा लिया गया, जिसमें एक डॉग रोमियों टीम के साथ रहा। शरीर के मिले अंगों की गंध लेकर टीम न्यूक्लियर मेडिसन विभाग के पीछे पहुंची, जहां पुलिस ने वहां पर रहने वाले कुछ लोगों से बात भी की। लेकिन अभी तक पुलिस को शरीर का अन्य हिस्सा नहीं मिला है। बॉडी का केवल हाथ मिला है, लेकिन बाकि शरीर के बारे में पता नहीं चल पाया। केमिकल डालकर जला रखा था हाथ मानव अंग के जो जले हुए टुकड़े मिले, उनमें महिला का हाथ व पेट का कुछ हिस्सा है, जिस पर केमिकल डालकर जलाया गया था। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि किसी को इस वारदात की भनक न लगे। शरीर के ये टुकड़े कितने दिन पुराने थे, इसके बारे में भी पुलिस कुछ नहीं बोल रही। अब सवाल यह है कि मानव अंगों को किसने और कब जलाया होगा। घटनास्थल से कुछ दूरी पर पोस्टमॉर्टम हाउस रेलवे लाइन के साथ जहां यह घटना हुई है, वहां से कुछ दूरी पर ही पोस्टमॉर्टम हाउस भी है, जहां रोजाना शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाता है। शरीर के अंगों को इतनी सफाई से काटा गया, जैसे किसी एक्सपर्ट ने योजना के तहत हत्या करके शव को ठिकाने लगाने के लिए ऐसा किया हो। पुलिस मामले में गंभीरता से कर रही जांच जीआरपी एसएचओ जोगेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे लाइन के पास मिले एक हाथ व शरीर के कुछ मांस के अलावा अभी कुछ पता नहीं चला है। पुलिस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है। आसपास के क्षेत्र में लोगों से भी पूछताछ की गई है। बॉडी की तलाश के लिए टीम लगी हुई है। पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है।
रोहतक में महिला का जला हुआ हाथ मिलने का मामला:जीआरपी के हाथ 10 दिन बाद भी खाली, डॉग स्क्वायड टीम नहीं खोज पाई बॉडी
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