हैदराबाद में आयोजित तेलंगाना खेल सम्मेलन में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने नई तेलंगाना खेल नीति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य युवाओं को खेलों के माध्यम से सशक्त बनाना और नशे की लत से बचाना है. रेड्डी ने कहा कि खेल नीति के अभाव में युवा भटक रहे हैं. हमारी नई नीति तेलंगाना को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी.
उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में तेलंगाना में नशीली दवाओं और गांजे के मामलों में वृद्धि हुई है, जिसके खिलाफ ईगल फोर्स का गठन किया गया है. रेड्डी ने पिछले शासन की आलोचना करते हुए कहा कि खेल मैदानों को शादी हॉल और सनबर्न जैसे आयोजनों के लिए इस्तेमाल किया गया. उन्होंने जोर देकर कहा कि हम तेलंगाना को खेलों का केंद्र बनाएंगे. इसके लिए खेल विश्वविद्यालय और खेल अकादमी स्थापित की जाएगी.
तेलंगाना के सीएम ने भारत की ओलंपिक रैंकिंग (71वां स्थान) पर चिंता जताते हुए कहा, “140 करोड़ की आबादी वाले देश का एक भी स्वर्ण पदक न जीतना शर्मनाक है.”
रेड्डी ने तेलंगाना के खिलाड़ियों का योगदान गिनाया
उन्होंने बताया कि 1956 के ओलंपिक में फुटबॉल में चौथा स्थान हासिल करने वाली टीम में हैदराबाद के 9 खिलाड़ियों का योगदान रहा. वर्तमान में मोहम्मद सिराज, निखत जरीन और दीप्ति जैसे खिलाड़ियों ने राज्य का नाम रोशन किया है. सिराज और निखत को ग्रुप-1 नौकरियां और हैदराबाद में आवासीय भूखंड दिए गए, जबकि पैरालंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दीप्ति को एक करोड़ रुपये और भूखंड प्रदान किया गया.
मुख्यमंत्री ने घोषणा की, कि तेलंगाना राष्ट्रीय खेल, राष्ट्रमंडल खेल और विश्व सैन्य खेल की मेजबानी कर चुका है और अब 2026 में खेलो इंडिया और भविष्य में ओलंपिक की दो श्रेणियों की मेजबानी के लिए तैयार है. उन्होंने कहा हमारी खेल नीति केवल कागजी दस्तावेज नहीं, बल्कि सोने की तख्ती पर लिखी नीति है.
नशे के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए रेड्डी ने कहा, “ईगल फोर्स नशा तस्करों को नहीं बख्शेगी.” विजन डॉक्यूमेंट 2047 में खेल नीति के लिए विशेष अध्याय शामिल किया गया है.
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