चंडीगढ़ स्थित बुड़ैल में सोनू शाह पर फायरिंग और हत्या के प्रयास के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 6 गुर्गों को सबूतों के अभाव में चंडीगढ़ कोर्ट ने बरी कर दिया। बरी हुए आरोपियों की पहचान मोंटी शाह (बुड़ैल), परविंदर वाधवा, दीपक वाधवा (दोनों राजस्थान), वीरेंद्र सोनी, मोहित कुमार (कालका) और विनय कल्याण के रूप में हुई है। इस मामले में नामजद सातवां आरोपी कुलदीप सिंह घोषाल की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है। प्रापर्टी डीलर सोनू शाह की सितंबर 2019 में उसके बुड़ैल स्थित आफिस में चार शूटरों ने कई राउंड फायरिंग कर हत्या कर दी थी। इस हमले में सोनू शाह के दो साथी भी घायल हुए थे। सोनू शाह के भाई प्रवीण शाह की शिकायत पर सेक्टर-34 थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया था। गवाह ने कोर्ट में मुकरने के बाद मिली राहत यह पूरा मामला 28 सितंबर 2020 को बुड़ैल में सोनू शाह की हत्या के बाद हुए हमले से जुड़ा है। शिकायतकर्ता तीर्थ सिंह ने पुलिस को बताया था कि वह अपने दोस्त सोनू शाह और उसके भाई प्रवीण शाह के साथ केबल का काम करता था। सोनू शाह की हत्या के कुछ समय बाद मोंटी शाह उसे और प्रवीण को जान से मारने की नीयत से पिस्टल लहराते हुए घूमता दिखा था। घटना वाली रात करीब 11:30 बजे जब तीर्थ अपने ऑफिस के बाहर फोन पर बात कर रहा था, तभी मोंटी शाह पिस्टल लेकर उसकी ओर बढ़ा और गोलियां चलाईं। तीर्थ किसी तरह ऑफिस में घुसकर बचा, जबकि आरोपी फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में मोंटी सहित अन्य को गिरफ्तार किया और हत्या के प्रयास (IPC 307), आपराधिक साजिश (120बी) व आर्म्स एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया। हालांकि कोर्ट में गवाही के दौरान शिकायतकर्ता तीर्थ सिंह ने अपने ही बयानों से मुकरते हुए आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया। बचाव पक्ष ने कहा- पुलिस ने झूठा केस बनाया विनय, परविंदर और दीपक की ओर से केस लड़ रहे एडवोकेट पलविंदर सिंह लक्की ने अदालत में दलील दी कि आरोपियों को पुलिस ने झूठे केस में फंसाया है। वे घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे और उनके खिलाफ मनगढ़ंत कहानी बनाई गई।
चंडीगढ़ कोर्ट से गैंगस्टर लॉरेंस गैंग के 6 गुर्गे बरी:सोनू शाह फायरिंग और हत्या के प्रयास का मामला, गवाह ने कोर्ट में बदले बयान
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