कैथल के आर.के.एस.डी. कॉलेज को नया नेतृत्व मिल गया है। गांव खरक पंडवां की माटी में जन्मे और पले-बढ़े डॉ. राजबीर पाराशर ने 1 अगस्त को कॉलेज के प्रिंसिपल का पदभार संभाल लिया। यह अवसर पूर्व प्रिंसिपल डॉ. सतबीर सिंह मेहला के सेवानिवृत्त होने के बाद आया है। डॉ. पाराशर का बचपन गांव खरक पंडवां में बीता। साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने उच्च शिक्षा और शोध में उल्लेखनीय स्थान बनाया। उनकी मेहनत और शिक्षा के प्रति जुनून ने उन्हें कॉलेज प्रवक्ता से विभागाध्यक्ष, उप-प्राचार्य और अब प्रिंसिपल के पद तक पहुंचाया है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण परिवेश से भी विश्वस्तरीय उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। 2006-2010 के बीच वे हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव और 2010-2012 में अध्यक्ष रहे। हाल ही में उन्हें प्रोफेसर पद पर पदोन्नत किया गया है, जो 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हैं। गौरवपूर्ण पदभार ग्रहण समारोह
कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अश्विनी शोरवाला और गवर्निंग बॉडी के सदस्यों ने उन्हें प्रिंसिपल का दायित्व सौंपा। इस अवसर पर आर.वी.एस, गवर्निंग बॉडी के सदस्य, शिक्षक, गैर-शिक्षण स्टाफ, पूर्व प्रिंसिपल मेजर के.के. सिरोही, डॉ. ऋषि पाल (प्रिंसिपल, बी.ए.आर. जनता कॉलेज, कौल), डॉ. संजय गोयल (पूर्व प्रिंसिपल एवं रजिस्ट्रार, एम.वी.एस.यू., कैथल) सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। सभी ने उन्हें फूलों के गुलदस्ते देकर बधाई दी। डॉ. पाराशर ने अपने संबोधन में कहा कि गांव की माटी से मिली शिक्षा, संस्कार और मेहनत का फल है कि आज मैं इस पद पर हूं। मेरा उद्देश्य इस कॉलेज को शिक्षा, अनुशासन और नवाचार में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान बल्कि जीवन मूल्यों और जिम्मेदारियों की शिक्षा देना ही मेरी प्राथमिकता होगी। गांव खरक में खुशी की लहर गांव खरक पंडवां में भी इस खबर से खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. पाराशर की उपलब्धि गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन यह संदेश देता है कि कठिन परिश्रम, निष्ठा और शिक्षा के प्रति समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
कैथल कॉलेज में राजबीर पाराशर ने संभाला प्रिंसिपल का पद:हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव रहे, स्टाफ ने किया स्वागत
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