रोहतक की जेएलएन नहर का निरीक्षण करते हुए डीसी धर्मेंद्र सिंह ने सख्त निर्देश दिए कि अंधविश्वास के चलते पानी को प्रदूषित करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। जो लोग नहरों के पानी को पूजा सामग्री डालकर प्रदूषित करते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। डीसी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि नहरों और नदियों का पानी दूषित करना एक गंभीर समस्या है, जिससे स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नहरों के पानी को साफ रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। पूजा-सामग्री या अन्य किसी भी प्रकार का कचरा नहरों में ना डालें। अंधविश्वास से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का पालन करें। पेयजल से मनुष्य, पशु व पक्षियों के स्वास्थ्य का सीधा जुड़ाव है। प्रदूषित पानी से फसलें हो रही दूषित डीसी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि नहरों का पानी समुद्र में न मिलकर हमारे गांवों, फसलों व शहरों के जल घरों में पहुंचता है। जब झीलों, नहरों, नदियों, समुद्र तथा अन्य जल निकायों में विषैले पदार्थ प्रवेश करते हैं और यह इनमें घुल जाते है तो इसका परिणाम बड़ा घातक हो सकता है। प्रदूषित पानी से खेतों में फसल भी दूषित हो रही है, जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। अधिकारियों को दिए निर्देश डीसी धर्मेंद्र सिंह ने नहरों में पानी को प्रदूषित होने से रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए। साथ ही नहरों में पूजा सामग्री डालने वाले लोगों पर निगरानी रखने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए है, ताकि नहरों के पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। नहरों में नहाने पर लगा रखी है रोक डीसी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि नहरों में नहाने पर रोक लगाई हुई है, बावजूद इसके जो लोग नहरों में नहाने के लिए उतर रहे है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। नहरों में नहाने के दौरान अक्सर हादसे होते है, लेकिन लोग नहीं मान रहे। ऐसे लोगों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
अंधविश्वास के चलते नहरों में न डालें पूजा सामग्री:रोहतक डीसी के सख्त निर्देश, प्रदूषण फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
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