सरकार ने 37 जरूरी दवाओं की कीमतें घटाईं:इनमें पेरासिटामोल, शुगर और हार्ट की दवाएं शामिल; 35 फार्मूला की दवाएं सस्ती होंगी

by Carbonmedia
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नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने 37 जरूरी दवाओं की कीमतें 10-15% तक घटा दी हैं। इनमें पेरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, और एमोक्सिसिलिन जैसी दवाएं शामिल हैं, जो हार्ट, डायबिटीज, और इंफेक्शन के मरीजों के लिए जरूरी हैं। शनिवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने ड्रग्स प्राइज कंट्रोल ऑर्डर (DPCO), 2013 के तहत इसका नोटिफिकेशन जारी किया। यह नई कीमतें 35 अलग-अलग फॉर्मूलों पर लागू होंगी, जिन्हें बड़ी दवा कंपनियां बनाती और बेचती हैं। NPPA ने इन दवाओं को कीमतें घटाईं दर्द और बुखार: एकलोफेन्स , पेरासिटामोल और ट्रिप्सिन चाइमोट्रिप्सिन के एक कॉम्बिनेशन टैबलेट की कीमत अब डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के लिए ₹13 और कैडिला फार्मास्युटिकल्स के लिए ₹15.01 होगी। हृदय रोग: एटोरवास्टेटिन 40 mg और क्लोपिडोग्रेल 75 mg के कॉम्बिनेशन वाली दवा अब ₹25.61 प्रति टैबलेट पर मिलेगी। शुगर: एम्पाग्लिफ्लोजिन, सिटाग्लिप्टिन, और मेटफॉर्मिन जैसे कॉम्बिनेशन की कीमत ₹16.50 प्रति टैबलेट तय की गई है, जो टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है। विटामिन: विटामिन डी (Cholecalciferol) की बूंदों और डाइक्लोफेनेक इंजेक्शन की कीमत ₹31.77 प्रति मिलीलीटर तय की गई हैं। इसके अलावा, कोलेस्ट्रॉल और एलर्जी-अस्थमा की कुछ दवाओं के दाम भी सीमित किए गए हैं। मई में बढ़ी थी कीमतें इससे पहले सरकार ने मई 2024 में 8 शेड्यूल दवाओं की मैक्सिमम प्राइस को बढ़ाने का फैसला किया है। इन दवाओं का इस्तेमाल अस्थमा, TB, ग्लूकोमा के साथ कई अन्य बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। आठ दवाओं के ग्यारह शेड्यूल्ड फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमतों में उनकी मौजूदा मैक्सिमम प्राइसेस से 50% तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी गई थी। महंगी होने पर घटाई कीमत पिछले कुछ सालों में दवाओं की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे मरीजों को दिक्कत हो रही थी। इसके बाद जरूरी दवाओं की कीमत घटाई गई है। NPPA का मकसद दवाओं को सस्ता और सभी के लिए उपलब्ध कराना है। ये भी पढ़ें… सरकार ने 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर रोक लगाई: कहा- इनसे इंसानों को खतरा, मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन भी तत्काल रोकें सरकार ने 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये आमतौर पर बुखार और सर्दी के अलावा पेन किलर, मल्टी-विटामिन और एंटीबायोटिक्स के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं। सरकार ने कहा कि इनके इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका है। इसलिए देशभर में इन दवाओं के प्रोडक्शन, कंजम्पशन और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक रहेगी। पूरी खबर पढ़ें…

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