भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार (3 अगस्त 2025) को दावा किया कि अन्य राज्यों में काम कर रहे पश्चिम बंगाल के निवासियों को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और कुछ मामलों में रोहिंग्या की ओर से उनकी आजीविका से वंचित किया जा रहा है.
बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय मुसलमानों और बांग्लादेश से उत्पीड़न के कारण देश में आए हिंदुओं को तब तक चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, जब तक भाजपा यहां है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को डर है कि यदि बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) किया गया तो निर्वाचन आयोग फर्जी मतदाताओं की पहचान कर लेगा.
बीजेपी नेता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अन्य राज्यों में काम कर रहे बंगाल के वास्तविक भारतीय नागरिकों की आजीविका अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और कुछ मामलों में रोहिंग्या द्वारा छीनी जा रही है.’ समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी अवैध मतदाताओं की पहचान उसी तरह की जाएगी जैसे बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान की गई.
उन्होंने कहा, ‘बंगाल में एसआईआर होने के संकेत मात्र से ही इतना डर पैदा हो गया है, तो कल्पना कीजिए कि जब यह कवायद वास्तव में होगी तो क्या होगा.’ बीजेपी नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सामने सबसे बड़ी समस्या ‘कट्टरपंथ’ के प्रसार की है. उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल का पश्चिम बंगाल के कुछ सीमावर्ती जिलों पर भी असर पड़ा है.
समिक भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने बताया है कि देश में कुछ प्रतिबंधित संगठन सक्रिय हो रहे हैं, जिनमें उत्तर बंगाल का एक जिला केंद्र बिंदु है. उन्होंने दावा किया, ‘यह निश्चित रूप से हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक है और राज्य में इससे समझौता किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर, कई भाजपा शासित और गैर-भाजपा शासित राज्यों ने पश्चिम बंगाल के प्रवासी मज़दूरों की पहचान की जांच शुरू कर दी है. भाजपा नेता ने कहा, ‘ऐसी जांच के दौरान पकड़े गए लोगों ने बांग्लादेशी होने और यहां फर्जी पहचान पत्र बनवाने की बात स्वीकार की है.’
‘बांग्लादेश की भाषा’ बोलने वालों के संदर्भ में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बोली और लिखी जाने वाली बांग्ला भाषा और बांग्लादेश की भाषा में स्पष्ट अंतर है.
तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक पत्र पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया कि नयी दिल्ली के एक थाने के प्रभारी अधिकारी ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘बंग भवन’ को पत्र लिखकर आठ लोगों की गिरफ्तारी के बाद ‘बांग्लादेशी राष्ट्रीय भाषा’ के लिए अनुवादक की मांग की है. इन लोगों के पड़ोसी देश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का संदेह है.
भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया जा रहा है और राज्य पुलिस द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘ये कोई छिटपुट घटनाएं नहीं हैं. ये पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में हो रही हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं पर भी हमले हो रहे हैं और पार्टी के भीतर गुटीय झड़पों के कारण हत्या की घटनाएं भी हो रही हैं. उन्होंने दावा किया, ‘इनमें से कई पीड़ित परिवारों ने अपनी शुरुआती प्रतिक्रियाओं में ऐसी घटनाओं की सीबीआई जांच की मांग की है क्योंकि उन्हें राज्य की मौजूदा सरकार पर भरोसा नहीं है.’
बर्धमान-दुर्गापुर से तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने हाल ही में कथित अवैध खनन की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की थी. उनके बयान की ओर इशारा करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर अपने अंदर ‘भाजपा के डीएनए’ को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाए हैं. तृणमूल में आने से पहले कीर्ति आजाद भाजपा में थे.
भट्टाचार्य ने कहा, ‘उन्होंने (आजाद ने) 23 जुलाई को अवैध खनन की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच की मांग की थी लेकिन 2 अगस्त को उन्होंने अपनी मांग वापस ले ली.’ भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा सीबीआई और ईडी जांच की मांग को गंभीरता से ले रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी सांसद सोमवार को केंद्रीय खनन मंत्री जी किशन रेड्डी से मिलकर उनसे उचित कदम उठाने का आग्रह करेंगे.
‘अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्या के कारण भारतीय नागरिकों की आजीविका छिन रही’, बोले बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य
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