Rapid Cancer Detection: कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए अब एक राहत भरी खबर सामने आई है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई तकनीक विकसित की है. जिसमें न आपको इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ेगी और किसी प्रकार का रेडिएशन डालना पड़ेगा. यह खोज न केवल मरीजों की जान बचा सकती है, बल्कि कैंसर के इलाज का भविष्य भी बदल सकती है.
शुरुआती स्तर पर कैंसर की पहचान
ब्रिटेन के रॉयल मार्सडेन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और लंदन के कैंसर अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक की खोज की है. इस तकनीक में मरीजों का पूरे शरीर का एमआरआई स्कैन किया जाता है, जिससे MRD यानी मायलोमा के अंश भी पकड़ में आ जाते हैं. भले ही बाकी सभी टेस्ट नॉर्मल आए हों.
ये भी पढ़े- सोशल मीडिया से क्या वाकई छिन जाते हैं नींद और चैन? जानें बच्चों की सेहत पर कितना खराब पड़ता है असर
रिसर्च में क्या निकला
रिसर्च में 70 मायलोमा मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें स्टेम सेल ट्रांसप्लांट दिया गया था. सभी को ट्रांसप्लांट से पहले और बाद में MRI दिया गया.रिसर्च में यह बात सामने आई कि, हर तीन में से एक मरीज के शरीर में इलाज के बाद भी कैंसर की हल्की मौजूदगी पाई गई, जिसे सिर्फ इस स्कैन से ही पकड़ा लिया गया. इतना ही नहीं, जिन मरीजों में यह बीमारी स्कैन में दिखी, उनकी ओवरऑल सर्वाइवल रेट भी कम रही.
MRI तकनीक क्यों है खास?
यह स्कैनिंग तकनीक रेडिएशन फ्री है और इसके लिए किसी तरह के इंजेक्शन या सुई की जरूरत नहीं होती. इसका मतलब है कि यह पूरी तरह सुरक्षित है, खासकर उन मरीजों के लिए जिन्हें लंबे समय तक निगरानी में रखा जाता है.
रॉयल मार्सडेन की कहानी क्या है
जानकारी के मुताबिक, 57 साल के मरीज रॉयल मार्सडेन ने बताया कि, इस स्कैनिंग की वजह से उनके कैंसर का समय रहते पता चल गया और इलाज जल्दी शुरू हो सका. उन्होंने बताया कि, इस तकनीक ने न केवल उनकी जान बचाई, बल्कि उन्हें फिर से फाइटर जेट उड़ाने और ऑपरेशनल ड्यूटी करने का मौका भी दिया.
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
प्रोफेसर क्रिस्टीना मेसिउ का कहना है कि, यह स्कैनिंग तकनीक इलाज की प्रतिक्रिया को समझने में मदद करती है और पारंपरिक जांचों से छूट जाने वाले कैंसर को पकड़ती है.वहीं प्रोफेसर मार्टिन काइजर ने इसे “गोल्ड स्टैंडर्ड प्रिसिजन इमेजिंग” कहा है, जो मायलोमा के इलाज को नई दिशा दे रही है.
ये भी पढ़ें: गैस की वजह से दर्द या हार्ट अटैक? समझें दोनों में अंतर, जो समझ नहीं पाते लोग
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
बॉडी में एंट्री करते ही डिटेक्ट होगा कैंसर, इन वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाली बेहद खास तकनीक
2