हरियाणा के नारनौल में कोरियावास मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज से बदलकर राव तुलाराम करवाने की मांग को लेकर आज ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। वहीं ट्रैक्टरों को लघु सचिवालय के अंदर जाने से रोकने पर प्रदर्शनकारियों व पुलिस कर्मचारियों में नोकझोंक भी हो गई। करीब आधे घंटे की नोकझोंक के बाद केवल एक ट्रैक्टर अंदर जाने दिया गया। गांव कोरियावास में इसी साल 800 बेड का मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुआ है। इस मेडिकल कॉलेज पर करीब 725 करोड़ रुपए की लागत आई है। गत एक मई से इस मेडिकल कॉलेज में ओपीडी भी सरकार ने शुरू कर दी। वहीं चार मई की रात को इस मेडिकल कॉलेज के नाम महर्षि च्यवन का बोर्ड कॉलेज के मुख्य द्वार पर लगाया जा रहा था। जब ग्रामीणों को इसका पता चला तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तथा बोर्ड को तोड़कर वहां धरना शुरू कर दिया। 90 दिन में कई बार किए बड़े प्रदर्शन धरने के चार अगस्त को तीन माह पूरे हो गए। इन तीन माह के दौरान धरना पर बैठे लोगों ने कई बाद बड़े प्रदर्शन भी किए तथा ज्ञापन सौंपे। वहीं स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को ज्ञापन भी सौंपा गया, मगर सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज का नाम राव तुलाराम नहीं किया। 100 ट्रैक्टरों के साथ निकाला मार्च ट्रैक्टर मार्च की अगुआई कर रहे विकास यादव ने बताया कि आज 100 ट्रैक्टरों के साथ गांव कोरियावास स्थित मेडिकल कॉलेज से लघु सचिवालय तक मार्च निकाला गया था। जिसके बाद गांव कोरियावास के लोगों ने डीसी को ज्ञापन दिया है। जिसमें इस मेडिकल कॉलेज का नाम शहीद राव तुलाराम के नाम से करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि यदि सरकार अब भी नहीं मानेगी तो आगे एक हजार ट्रैक्टरों से मार्च निकाला जाएगा। वहीं मेडिकल कॉलेज पर ताला भी लगा दिया जाएगा। ट्रैक्टर रोकने पर हुई नोकझोंक ट्रैक्टरों को लघु सचिवालय तक आने दिया, मगर इसके बाद ट्रैक्टर जब लघु सचिवालय परिसर में जाने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया तथा पंचायत भवन के साथ लगते ग्राउंड में ट्रैक्टरों को खड़ा करवा दिया। इस दौरान विकास यादव अपने साथियों के साथ ट्रैक्टर लेकर वहां पहुंच गए। इस ट्रैक्टर को सचिवालय के अंदर जाने से रोका गया तो प्रदर्शनकारियों व पुलिस कर्मियों में नोकझोंक हो गई। यह नोकझोंक काफी देर तक चली। एक बार हो गया तनाव का माहौल वहीं एक बार यहां पर तनाव का माहौल भी हो गया। दोनों पक्षों से तेज बहस होने लग गई। एक बार तो ट्रैक्टर के बिल्कुल आगे आकर एसएचओ धर्मवीर खड़े हो गए। वहीं प्रदर्शनकारी भी लघु सचिवालय तक ट्रैक्टर ले जाने की मांग पर अड़ गए। बाद में केवल एक ट्रैक्टर को अंदर जाने दिया गया।
नारनौल में प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच नोकझोंक:ट्रैक्टरों को लघु सचिवालय के अंदर जाने से रोका तो लोगों ने किया विरोध
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