पानीपत सिविल अस्पताल में डॉक्टरों का जिओ फेंसिंग का विरोध:1 घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं रही बाधित, लाइनों में मरीज करते रहे इंतजार

by Carbonmedia
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हरियाणा के पानीपत जिले में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने जिओ फेंसिंग (Geo-fencing) आधारित अटेंडेंस सिस्टम का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह उनकी गोपनीयता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है और वे इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ओपीडी (OPD) को एक घंटे के लिए बंद रखा और विरोध प्रदर्शन किया। वहीं डॉक्टरों के प्रदर्शन के दौरान सभी कार्यालयों के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लगी रही। इतना ही नहीं ओपीडी के बाहर भी दोपहर के एक बजे तक पर्चियां कटती हुई नजर आई। वहीं डॉक्टरों के कार्यालय के बाहर मरीज एक घंटे तक इंतजार करते रहे। एप से लोकेशन ट्रैक करना परेशानी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि जिओ फेंसिंग एप्प, जो यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी अपने निर्धारित कार्य स्थल से 100 मीटर से अधिक दूर न जाए, उनकी पेशेवर स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन है। उनका कहना है कि डॉक्टरों को अक्सर अपने काम के सिलसिले में अस्पताल से बाहर जाना पड़ता है और इस एप के जरिए उनकी लोकेशन ट्रैक करना उनके लिए परेशानी का सबब है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो वे आंदोलन तेज करेंगे। लाइनों में एक घंटे तक डटे रहे मरीज वहीं डॉक्टरों के एक घंटे के विरोध प्रदर्शन के चलते सभी सेवाएं बाधित नजर आई और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मरीज राजेश कुमार, साहिल, सुषमा देवी और ममता ने बताया कि उनका इलाज पहले से ही सिविल अस्पताल से चल रहा है और वो आज डॉक्टर को दिखाकर दवाई लेने के लिए अस्पताल पहुंचे थे, परंतु यहां आने के बाद पता चला कि डॉक्टरों का प्रदर्शन है, इसलिए डॉक्टरों के प्रदर्शन खत्म होने का इंतजार लाइनों में खड़ा होकर ही करना पड़ा, क्योंकि यदि लाइन से हट जाते, तो दोबारा नंबर आने में काफी समय लग जाता। एक घंटे बाद तुरंत कार्य शुरू-सीएमओ इस संबंध में सीएमओ विजय मलिक ने कहा कि सरकार द्वारा डॉक्टरों और कर्मचारियों की हाजरी लगाने के लिए एप जारी की गई है। जिसका सभी डॉक्टरों द्वारा विरोध किया गया है और एक घंटे तक पेन डाउन कर प्रदर्शन किया गया है। डॉक्टरों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन को सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा, उसके बाद निर्णय लेना सरकार का कार्य है।

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