भारत में घुसकर पश्चिम बंगाल में साधु के वेश में छिपे एक बांग्लादेशी अपराधी को नादिया जिले से गिरफ्तार कर लिया गया. एक अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पश्चिम बंगाल एसटीएफ के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर शनिवार रात तेहट्टा इलाके में छापा मारा और 60 वर्षीय मोहम्मद हाशिम मलिक उर्फ हाशिम अली मलिक को गिरफ्तार कर लिया.
छापेमारी के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल विशेष कार्य बल के उपनिरीक्षक मोहम्मद अब्दुल नूर चौधरी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई. अधिकारी ने कहा, “हाशिम कथित तौर पर बांग्लादेश में जघन्य अपराधों में शामिल था. वह एक नकली भारतीय पहचान पत्र बनाकर तेहट्टा के बलिउरा पुरबा पारा में छिपा हुआ था. हमें उसके बारे में जानकारी थी. स्थानीय पुलिस की मदद से हमने छापेमारी की और शनिवार शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया.”
30 साल तक साधु के वेश में छिपा रहा बांग्लादेशी क्रिमिनल
अधिकारी ने बताया, “शुरुआती पूछताछ के दौरान बांग्लादेशी अपराधी ने स्वीकार किया कि उसने बांग्लादेश में किए गए अपराधों के लिए कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए सीमा पार की थी.” उन्होंने यह भी बताया कि उसने जाली भारतीय पहचान दस्तावेज बनाने की बात भी स्वीकार की. उन्होंने बताया कि वह बांग्लादेश में कई मामलों में वांछित था और 30 साल से बंगाल के नादिया जिले में रह रहा था.
आतंकियों के लिए सुरक्षित घर बना रहीं ममता- बीजेपी
इस मामले को लेकर बीजपी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार पर राज्य को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित घर बनाने का आरोप लगाया. बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा, “बंगाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. वे इसे बांग्लादेश बनाने की कोशिश कर रहे हैं. क्या ममता बनर्जी की पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी? राज्य का खुफिया विभाग क्या कर रहा था. ऐसे मामले बताते हैं कि ममता बनर्जी बंगाल में एसआईआर क्यों नहीं चाहती है. यह अपने वोट बैंक को बचाने के लिए है.
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बंगाल में 30 साल तक साधु के वेश में छिपा रहा बांग्लादेशी क्रिमिनल, बीजेपी बोली- आतंकियों के लिए सुरक्षित घर बना रहीं ममता
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