दिल्ली विधानसभा में हंगामा, शिक्षा बिल पर AAP का विरोध, जानें किसने क्या कहा?

by Carbonmedia
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दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ. इस सत्र में शिक्षा बिल, भ्रष्टाचार के आरोपों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के साथ कई अहम मुद्दे उठाए गए. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने सत्र की शुरुआत पर अपनी-अपनी बातें रखीं, जिसमें सरकार के फैसलों की सराहना और आलोचना दोनों शामिल रहीं.
आईएएनएस से बातचीत में मंत्री पंकज सिंह ने शिक्षा बिल की सराहना की और कहा कि यह बिल दिल्ली के उन बच्चों के लिए लाभकारी होगा, जो शिक्षा से वंचित हैं. उन्होंने मंत्री आशीष सूद की तारीफ करते हुए कहा कि यह बिल माता-पिता को राहत देगा और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम साबित होगा.

Delhi: On Delhi School Education Bill 2025, Minister Pankaj Kumar Singh says, “This bill is being brought by Minister Ashish Sood with good intentions for the people of Delhi, the children of Delhi, their families, and their guardians. The people of Delhi will benefit from it. I… pic.twitter.com/dLhjQkNxka
— IANS (@ians_india) August 4, 2025

‘पिछले दस सालों में जो काम नहीं हुए, वे अब होंगे पूरे’
मंत्री कपिल मिश्रा ने सत्र को शानदार और नवीन बताया और कहा कि इस बार विधानसभा में तकनीक का उपयोग हो रहा है, जो इसे पूरी तरह पेपरलेस बनाएगा. उन्होंने दावा किया कि पिछले दस सालों में जो काम नहीं हुए, वे अब पूरे होंगे. उन्होंने विधानसभा के बदले स्वरूप की तारीफ की और इसे आधुनिक बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को सराहा.
बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि दिल्ली विधानसभा पहली बार पूरी तरह पेपरलेस हो रही है, जो पहले हो जानी चाहिए थी.
खुराना ने पूर्व की ‘आप’ सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने यह कदम क्यों नहीं उठाया? उन्होंने बताया कि सत्र में शिक्षा बिल पर चर्चा होगी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की दो रिपोर्ट पेश की जाएगी. इनमें पूर्व सरकार के कथित घोटालों, जैसे निर्माण श्रमिकों और भीम योजना से जुड़े मामले, पर भी चर्चा होगी.
‘लगातार बढ़ रही है निजी स्कूलों की फीस’
वहीं, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार के शिक्षा बिल और अन्य नीतियों की कड़ी आलोचना की. ‘आप’ विधायक कुलदीप कुमार ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली के निजी स्कूलों की फीस लगातार बढ़ रही है.
‘अभिभावकों के अधिकारों को करता है कमजोर’
उन्होंने कहा कि सरकार ने फीस नियंत्रण का वादा किया था, लेकिन यह बिल निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की छूट देता है, जो अभिभावकों के हितों के खिलाफ है. उन्होंने सरकार पर निजी स्कूलों के साथ खड़े होने का आरोप लगाया और कहा कि यह बिल अभिभावकों के अधिकारों को कमजोर करता है.
‘आप’ विधायक अनिल झा ने शिक्षा पारदर्शिता बिल को झूठा करार दिया. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार झुग्गी-झोपड़ियों को हटा रही है, जहां से बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, और दूसरी तरफ पारदर्शिता बिल की बात कर रही है.
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की 40 प्रतिशत आबादी झुग्गी बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहती है और सरकार की नीतियां इन लोगों को शहर से बाहर करने की हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल पारदर्शिता के नाम पर केवल दिखावा है.

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