भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (4 अगस्त 2025) को अमेरिकी टैरिफ और रूस से तेल खरीदने की चिंताओं के बीच कड़ा संदेश दिया है. बिम्सटेक (BIMSTEC) पारंपरिक संगीत महोत्सव में उन्होंने कहा कि दुनिया को एक ऐसी व्यवस्था की जरूरत है जहां अलग-अलग शक्तिशाली देश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.
‘वैश्विक व्यवस्था में सभी देशों की हो भागीदारी’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “हम बहुत ही पेचीदा निश्चित समय में जी रहे हैं. हमारी सामूहिक कोशिश ऐसी होनी चाहिए कि वैश्विक व्यवस्था में सभी देशों की भागीदारी हो न कि कुछ लोगों के प्रभुत्व वाली हो. इसे अक्सर राजनीतिक और आर्थिक संतुलन के रूप में वयक्त किया जाता है. परंपराएं विशेष महत्व रखती हैं क्योंकि वह पहचान को परिभाषित करती है.”
परंपरा शक्ति का एक बड़ा स्रोत- जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा, “यदि हम भविष्य को आकार देने के बारे में आश्वस्त होना चाहते हैं तो हमें इस बात को लेकर आश्वस्त होना चाहिए कि हम क्या हैं. हमारे जैसे देशों के लिए परंपराएं वास्तव में शक्ति का एक बड़ा स्रोत हैं.” एस जयशंकर का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत अमेरिका टैरिफ और रूस से तेल खरीदने को लेकर चेतावनी का सामना कर रहा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर ट्रंप का तंज
भारत पिछले तीन साल से सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जिसने दुनिया के बाजारों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और रूस के साथ व्यापार करने को लेकर जुर्माना लगाने की घोषणा के बाद ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा, ‘‘मुझे परवाह नहीं है कि भारत, रूस के साथ क्या करता है. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अपनी डेड इकोनॉमी को एक साथ कैसे नीचे ले जा सकते हैं.’’
इस बीच अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है. ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है. ट्रंप के अनुसार इससे रूस को फायदा पहुंचे रहा है और ऐसे में यूक्रेन में हो रहा जंग खत्म नहीं होगा.
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‘सिर्फ कुछ लोगों का न रहे बोलबाला’, अमेरिकी टैरिफ और रूसी तेल को लेकर एस जयशंकर ने दिया कड़ा संदेश
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