भास्कर न्यूज | लुधियाना कभी एक मां की आंखें अपने दो साल के बेटे विभु को देखते हुए रो-रोकर सूज गई थीं। उसका दिल सही से काम नहीं कर रहा था, इलाज का खर्च लाखों में था और घर में खाने तक के लाले थे। लेकिन आज वही मां सुकून से मुस्कुराती है-क्योंकि उसके बेटे की धड़कनें अब सामान्य हैं। यह चमत्कार सिर्फ ईश्वर का नहीं, बल्कि इंसानियत का भी है। हैव ए हार्ट फाउंडेशन पिछले कई वर्षों से ऐसे बेसहारा परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है। अब तक यह संस्था 369 जरूरतमंद मरीजों की हार्ट सर्जरी करवा चुकी है। इस जुलाई में, फाउंडेशन ने 12 गरीब परिवारों के बच्चों की जीवनरक्षक हृदय सर्जरी कि है। ये वो बच्चे थे जिनके माता-पिता इलाज तो छोड़िए, बीमारी को सही से समझ भी नहीं पा रहे थे। किसी का जन्मजात दिल में छेद था, तो किसी का दिल इतनी तेजी से कमजोर हो रहा था कि एक दिन की देरी भी जानलेवा हो सकती थी। लेकिन संस्था की मदद, विशेषज्ञ डॉक्टरों और सहयोगी अस्पतालों के चलते, इन बच्चों को नया जीवन मिला। आज वे स्वस्थ हैं कोई स्कूल जाने की तैयारी कर रहा है, कोई पहली बार अपने पैरों पर चल पाया है।
जुलाई में 12 बच्चों को मिली जिंदगी, अब स्कूल जाने को तैयार
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