भास्कर न्यूज | जालंधर सावन महीने के अंतिम सोमवार को मंंदिरो में हर-हर महादेव… जय शिव शंकर… के जयकारे गूंजे। तड़के ही नगर के मंदिरों में भक्तों की रौनक लग गई। भक्तों ने भगवान शिव पर पुष्प अर्पित करके पूजा-अर्चना कर रहे थे। सुबह से ही भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए लाइनों में लगे रहे। श्री देवी तालाब मंदिर में भक्तों ने भगवान शिव माता पार्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर, कच्ची लस्सी अर्पित करके श्रद्धापूर्वक पूजन किया। पं. विजय शास्त्री ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए सावन माह सभी महीनों में सबसे पवित्र माह होता है। इसलिए इस माह को भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। शिव पुराण में विभिन्न द्रव्यों से भगवान शिव के अभिषेक करने का फल इस प्रकार बताया गया है। जलाभिषेक से सुवृद्धि, कुशोदक से व्याधि नाथ, गन्ने के रस से धन प्राप्ति, शहद से अखंड पति सुख, कच्चे दूध से पुत्र सुख, शक्कर से शर्बत से वैदुष्य, सरसों के तेल से शत्रु दमन एवं घी के अभिषेक से सर्वकामना पूर्ण होती है। मंदिरों में तड़के से भक्तों की रौनक लग गई। घने बादल और ठंडी बयार के बीच पूजा के लिए पहुंचे भक्तों को विशेष अनुभूति हो रही थी। भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। साथ ही भक्तों ने दूध, दही, शक्कर, शहद, फल, मिठाई, बेल पत्री, भांग, मिश्री, भस्म, गंगा जल, गुलाब जल से अभिषेक किया। भक्तों ने ओम नम: शिवाय मंत्र के जाप के साथ दीप भी प्रज्जवलित किए। सुहागिनों एवं बेटियों ने व्रत रखे। सिद्धपीठ श्री देवी तालाब मंदिर, गीता मंदिर मॉडल टाउन, नागेश्वर महादेव मंदिर, शिव मंदिर मोता सिंह नगर, शिव दुर्गा मंदिर, चामुंडा मंदिर, शिव मंदिर दोमोरिया पुल, सति वृंदा देवी मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, शिव मंदिर खन्नियां बगीची, भगवान वाल्मीकि मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर आदि में श्रद्धालु नतमस्तक हुए। सावन के अंतिम सोमवार को मॉडल टाउन स्थित श्री गीता मंदिर में पूजा-अर्चना करते और शिवलिंग पर दूध अर्पित करते श्रद्धालु।
सावन का अंतिम सोमवार…:अलसुबह प्रारंभ हुई शिवालयों में रौनक, भगवान शिव का अभिषेक, गूंजे महादेव के जयकारे
2
previous post