भास्कर न्यूज | जालंधर लैंड पूलिंग पॉलिसी के विरोध में विभिन्न गांवों से हाथ में लाल झंडे लेकर आए लोगों ने अर्बन एस्टेट स्थित कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत का घर घेरा। ग्रामीण एवं खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त मोर्चे के राज्य आह्वान पर ये धरना दिया गया है। कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने लोगों से मांगपत्र लिया। जिसके बाद धरना खत्म हुआ है। मंत्री ने मजदूरों की मांगों संबंधी जल्द मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मोर्चे के नेताओं की बैठक कराने का विश्वास दिलाया। धरने में बलदेव सिंह नूरपुरी, किरणदीप कौर, हरपाल बिट्टू, हरबंस सिंह धूत और वीर कुमार संबोधित किया। जन नेताओं ने कहा कि मजदूरों की मांगों को लागू करने की बजाय पंजाब सरकार मजदूर विरोधी नीतियां लागू कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने जहां श्रम संहिता बनाकर मजदूरों के अधिकारों पर डाका डाला, वहीं भगवंत मान सरकार ने मजदूरों के काम के घंटे बढ़ाकर मज़दूरों के साथ विश्वासघात किया है। आंदोलनकारियों ने किसानों का लैंड पूलिंग का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी किसानों के विस्थापन का कारण बनेगी, बल्कि यह ग्रामीण और खेत मज़दूरों के लिए भी विनाशकारी साबित होगी। उन्होंने जेल में बंद मज़दूर नेताओं की रिहाई की भी मांग की। मजदूर नेता कश्मीर सिंह घुग्गशोर ने बताया कि कैबिनेट मंत्री के घर के सामने धरना दिया गया। जिसमें स्थायी रोजगार की गारंटी, चुनावी वादों के अनुसार महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह देने, पेंशन की राशि बढ़ाने, पंचायत की एक तिहाई जमीन दलित मजदूरों को सस्ते पट्टे पर देने, लैंड पूलिंग नीति को रद्द करने, बेघर और जरूरतमंदों को प्लॉट देने, भूमि सीमांकन कानून के तहत अतिरिक्त जमीन को भूमिहीन मजदूरों और किसानों में वितरित करने, कर्ज माफी और संगठित होने और संघर्ष करने के अधिकार की बहाली जैसी मांगें शामिल थीं। इस अवसर पर संयुक्त मोर्चे के नेता और पेंडू मजदूर यूनियन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष तरसेम पीटर, ग्रामीण मज़दूर सभा के अध्यक्ष दर्शन नाहर, अखिल भारतीय खेत मज़दूर यूनियन के प्रदेश महासचिव गुरमेश सिंह शामिल रहे।
हाथों में लाल झंडे लिए जनसंगठनों ने गिनाई मांगें
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