Chhattisgarh: मिड-डे मील में बड़ी लापरवाही, बच्चों को परोसा गया कुत्ते का जूठा खाना, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

by Carbonmedia
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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के लछनपुर गांव में सरकारी स्कूल के मिड-डे मील को लेकर बड़ा मामला सामने आया है. यहां बच्चों को कथित तौर पर कुत्ते का जूठा खाना परोस दिया गया, जिससे पूरे गांव में गुस्से का माहौल है. बच्चों की तबीयत न बिगड़े, इसके लिए एहतियातन सातवीं और आठवीं कक्षा के 78 बच्चों को एंटी रेबीज इंजेक्शन दिए गए हैं.
क्या है पूरा मामला?
घटना मंगलवार की बताई जा रही है. गांव के सरकारी स्कूल में जब बच्चों को मिड-डे मील परोसा जा रहा था, तभी एक आवारा कुत्ता आकर सब्जी में मुंह मार गया. बच्चों ने फौरन इस बात की शिकायत टीचर्स से की.
टीचर्स ने खाना परोस रही स्व सहायता समूह की महिलाओं को स्पष्ट तौर पर कहा कि ये सब्जी न परोसी जाए, लेकिन महिलाओं ने टीचर्स की बात अनसुनी कर दी और वही जूठी सब्जी बच्चों को परोस दी.
बच्चों ने जब ये बात अपने माता-पिता को बताई तो गांव में हड़कंप मच गया. गुस्साए ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत स्कूल प्रबंधन और अधिकारियों से की. इसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की.
78 बच्चों को लगाया गया एंटी रेबीज का डोज
जैसे ही मामले की गंभीरता समझ में आई, स्कूल की ग्राम शिक्षा समिति की ओर से सभी बच्चों को जिला अस्पताल ले जाया गया. यहां 7वीं-8वीं कक्षा के 78 बच्चों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया, ताकि कोई स्वास्थ्य संबंधी खतरा न हो.
वहीं, जब अधिकारी जांच के लिए मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों से बातचीत की. स्थिति को गंभीर देखते हुए खुद अधिकारियों ने मिड-डे मील का खाना खाकर उसका परीक्षण भी किया.
पहले दबाने की कोशिश, फिर जांच शुरू
स्थानीय लोगों का आरोप है कि शुरू में अधिकारियों ने इस मामले को दबाने की कोशिश की. लेकिन जब स्थानीय विधायक संजय साहू को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने खुद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूरी घटना की शिकायत कर दी. विधायक ने मांग की है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और मामले की निष्पक्ष जांच हो.
कांग्रेस का सरकार पर हमला
इस घटना को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता धनंजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद शिक्षा विभाग अपने पास रखा है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत खराब होती जा रही है. उन्होंने कहा कि मिड-डे मील की हालत पूरे राज्य में चिंताजनक है और मुख्यमंत्री को खुद सामने आकर जवाब देना चाहिए.
घटना के बाद मिड-डे मील चलाने वाली महिला समूह पर कार्रवाई की गई है, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों को सस्पेंड किया जाए और बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में निगरानी व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए.
मिड-डे मील पर फिर उठे सवाल
यह कोई पहली बार नहीं है जब मिड-डे मील को लेकर छत्तीसगढ़ में शिकायतें आई हों. पहले भी कई बार खाने की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ चुके हैं, लेकिन बलौदाबाजार की इस घटना ने स्थिति की गंभीरता को उजागर कर दिया है.

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