डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को एक बार फिर से पैरोल दिए जाने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी भड़क गए हैं। हरजिंदर सिंह धामी ने सरकारों को इसके लिए शर्म करने को कहा है। उनका कहना है कि अगर एक व्यक्ति के लिए नियम बन सकते हैं तो जेल में बंद बंदी सिखों के लिए भी नियम बनाए जाने चाहिए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार दी जा रही पैरोल पर सवाल उठाते हुए सरकार की नीतियों पर नाराजगी जताई है। धामी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन बंदी सिखों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, उन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया, जबकि राम रहीम जैसे सजायाफ्ता कैदी को बार-बार पैरोल दी जा रही है। बंदी सिख शिकायत ना करने की बात करते हैं एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि वह कई बार बंदी सिखों से मुलाकात कर चुके हैं और यह मुद्दा बार-बार उठाते रहे हैं। लेकिन बंदी सिख उन्हें शिकायत ना करने की बात बार-बार कहते हैं। धामी ने स्पष्ट कहा कि कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए और सरकार को दोहरे मापदंड नहीं अपनाने चाहिए। एसजीपीसी अध्यक्ष ने सरकार से मांग की कि बंदी सिखों को जल्द रिहा किया जाए और सभी के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाए।
राम रहीम की पैरोल पर भड़के एसजीपीसी प्रधान:बोले- सरकारें शर्म करें, एक को बार-बार पैरोल; बंदी सिखों के लिए भी नियम बनाओ
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