लोहारू अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ दुर्व्यवहार:डॉक्टरों ने इलाज से किया इनकार, परिवार को निजी अस्पताल जाना पड़ा

by Carbonmedia
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भिवानी जिले लोहारू में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें एक गर्भवती महिला को न केवल उचित इलाज से वंचित रखा गया, बल्कि डॉक्टर द्वारा अभद्र व्यवहार का भी सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासी प्रदीप सैनी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपी गई शिकायत में कहा गया है कि लोहारू के सरकारी अस्पताल में न तो डॉक्टरों द्वारा गर्भवती महिलाओं को उचित मार्गदर्शन दिया जा रहा है और न ही आशा कार्यकर्ताओं द्वारा आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। विशेष रूप से 23 जुलाई को एक डॉक्टर द्वारा की गई अभद्रता ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। तब ड्यूटी पर मौजूद डॉ. प्रीति ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने से इनकार कर दिया। उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए इलाज और डिलीवरी से भी मना कर दिया। पति बोला- जानबूझ कर मरीजों को किया जा रेफर शिकायत के अनुसार, 27 जुलाई को आपात स्थिति में जब वे पत्नी को अस्पताल लाए, तब डॉ. आकांक्षा ने बिना कोई चिकित्सकीय जांच किए मात्र एक पर्ची देकर भिवानी रेफर कर दिया। मजबूरी में 30 जुलाई को उन्हें चिड़ावा (राजस्थान) के एक निजी अस्पताल में डिलीवरी करानी पड़ी। इससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदीप ने आरोप लगाया है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की निजी अस्पतालों से साठगांठ है। उनके अनुसार, जानबूझकर मरीजों को रेफर किया जाता है। एक निजी अस्पताल में कार्यरत एम्बुलेंस चालक, जो अस्पताल में ही कच्चे कर्मचारी के रूप में काम करता है, डॉक्टरों की मिलीभगत से मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजता है। प्रदीप ने मामले की उच्च स्तरीय जांच और संबंधित डॉक्टरों और कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। डॉक्टर ने आरोपी को बताया निराधार उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल आमजन की अंतिम उम्मीद होती है और इस प्रकार की घटनाएं न केवल शर्मनाक हैं बल्कि व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह भी लगाती हैं। यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका बनी रहेगी। इस बारे में डॉक्टर प्रीति ने बताया कि उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है। चिकित्सक किसी भी मरीज से इसी प्रकार का व्यवहार नहीं कर सकता है।

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