कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारा कॉम्प्लेक्स में खालिस्तान समर्थक संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने कथित तौर पर रिपब्लिक ऑफ खालिस्तान का दूतावास खोल दिया है। यह कदम भारत और कनाडा के बीच पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे राजनयिक रिश्तों को और बिगाड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक जिस इमारत में यह दूतावास स्थापित किया गया है, उसका निर्माण ब्रिटिश कोलंबिया सरकार द्वारा दिए गए सरकारी फंड से हुआ था। हाल ही में इस भवन में करीब 1.50 लाख कैनेडियन डॉलर की लागत से एक नई लिफ्ट लगाई गई है। जिसकी पूरी लागत भी सरकार की तरफ से दी गई थी। अब इस भवन के बाहर लगे बोर्ड पर साफ़-साफ़ ‘Republic of Khalistan’ लिखा दिखाई दे रहा है। यह इमारत धार्मिक स्थल से जुड़ी होने के कारण स्थानीय सिख समुदाय के लिए एक कम्युनिटी सेंटर के तौर पर काम कर रही थी। अब इसे खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाना भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है। भारत और कनाडा के बीच पहले से ही चल रहा तनाव सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर कथित रूप से शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को झूठा और प्रेरित बताया और कनाडा से अपने राजनयिक स्टाफ की संख्या कम करने तक की नौबत आ गई। इसके बाद से दोनों देशों के बीच वीज़ा, व्यापारिक संबंध और सुरक्षा सहयोग पर भी असर पड़ा है। अब कनाडा के सरे शहर में खुले इस कथित खालिस्तान दूतावास ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संकट को और गहरा कर दिया है। भारत पहले ही कनाडा पर आरोप लगा चुका है कि वह खालिस्तानी संगठनों को शह दे रहा है और उन्हें यहां की जमीन से भारत विरोधी गतिविधियां चलाने की इजाजत दे रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय इस मामले को लेकर जल्द ही कड़े कदम उठा सकता है। भारत कनाडा से इस दूतावास को हटाने और SFJ जैसी प्रतिबंधित गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग कर सकता है। राजनयिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है और इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया जा सकता है। भारत में जनमत संग्रह करने की धमकी दे चुका करीब 6 महीने पहले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी किया था। इसमें उसने भारत में खालिस्तान यानी अलग देश के लिए जनमत संग्रह शुरू करने की बात कही थी। इससे पहले वह अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप सहित अन्य देशों में सिखों के लिए अलग देश की मांग को लेकर खालिस्तान जनमत संग्रह करा रहा था। SFJ टीम नाम के अकाउंट से रेफरेंडम पर वोटिंग के लिए QR कोड शेयर किया था। साथ ही वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने का प्रोसेस भी बताया था। संगठन की तरफ से फॉर्म भी डाले गए थे, जिसमें सिख और दूसरे धर्मों के लोग भी वोट कर सकते थे। हालांकि, पोस्ट आने के 10 घंटे के बाद ही अकाउंट को भारत में बैन कर दिया गया था।
कनाडा के सरे में खुला कथित खालिस्तान दूतावास:रिपब्लिक ऑफ खालिस्तान दिया गया नाम, भारत-कनाडा रिश्तों में बढ़ सकता है तनाव
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