हिसार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मंगलवार को ऐलान किया कि प्राइवेट अस्पतालों में 7 अगस्त से डॉक्टर आयुष्मान भारत योजना के तहत किसी भी मरीज का इलाज नहीं करेंगे। IMA का कहना है कि अस्पतालों को उनका भुगतान नहीं दिया जा रहा है। हिसार में आईएमए की अध्यक्ष डॉ. रेणु छाबड़ा भाटिया, सचिव डॉ. अर्चना सोनी और कोषाध्यक्ष डॉ. मेधा जैन ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मार्च 2025 से अस्पतालों को योजना के तहत कोई भुगतान नहीं मिला है। इसके अलावा, क्लेम राशि में बिना किसी स्पष्ट कारण के कटौती की जा रही है। प्रमुख समस्याओं में तकनीकी बाधाएं भी शामिल हैं, जिनके कारण समय पर अपलोड किए गए क्लेम भी रिजेक्ट हो जाते हैं। आईएमए अध्यक्ष डॉ. छाबड़ा ने कहा, “सरकार द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य सेवाओं की दरें इतनी कम हैं कि लागत निकालना मुश्किल हो गया है। बार-बार दस्तावेजों की मांग से प्रशासनिक बोझ बढ़ रहा है। एक ही मरीज के दोबारा इलाज को स्कीम से बाहर कर दिया जाता है, जिससे मरीज और अस्पताल दोनों परेशान हैं।” निजी अस्पतालों का कहना है कि भुगतान में देरी से उनकी दैनिक कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। कर्मचारियों के वेतन और दवाइयों/उपकरणों की खरीद में दिक्कतें आ रही हैं। आईएमए ने इन समस्याओं से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सचिव को कई बार अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। अस्पतालों ने सरकार को 15 जुलाई 2025 तक का अल्टीमेटम दिया था। इस अवधि में लंबित भुगतान और तकनीकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। अब 7 अगस्त से सभी निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज बंद कर देंगे। डॉक्टरों के ये हैं प्रमुख मुद्दे…
हिसार में 7 अगस्त से आयुष्मान कार्ड सेवाएं होंगी बंद:डॉक्टर बोले- मार्च से नहीं मिला भुगतान; क्लेम राशि में कटौती पर भी रोष
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