मणिपुर में जारी राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए और आगे बढ़ा दिया गया है. संसद के जारी मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को और छह महीने के लिए आगे बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब राज्य में 13 अगस्त, 2025 से लेकर 13 फरवरी, 2026 तक राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा.
संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा ने मंगलवार (5 अगस्त, 2025) को इस प्रस्ताव को पास कर दिया. वहीं, इससे पहले लोकसभा ने भी 30 जुलाई, 2025 को ही इस प्रस्ताव को पास कर दिया था. राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मणिपुर में प्रशासनिक स्थिरता और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक है.
आखिर क्यों बढ़ाया गया राष्ट्रपति शासन का समय?
मणिपुर में जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के चलते फरवरी 2025 में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के जरिए केंद्र सरकार राज्य का प्रशासन संभाल रही है. सरकार का दावा है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन अभी विधानसभा चुनाव कराने की स्थिति नहीं है.
राज्य में संघर्ष के कारण अब तक 250 से ज्यादा की मौत, लाखों विस्थापित
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के कारण अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. हालांकि, राज्य की संघर्ष की स्थिति को शांत करने और स्थिरता को बनाए रखने के लिए भारतीय सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कई टुकड़ियों को राज्य में तैनात किया गया है. वहीं, संसद में इस प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत पेश किया गया, जिसके तहत राष्ट्रपति शासन को हर छह महीने में संसद से मंजूरी लेना आवश्यक होता है.
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मणिपुर में 6 महीने के लिए और बढ़ा राष्ट्रपति शासन, संसद से मिली मंजूरी; कब तक रहेगा लागू?
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