लुधियाना के नगर कौंसिल जगराओं में 2013 से शुरू हुए ऑनलाइन सिस्टम में रिकॉर्ड अपडेट न करने का मामला सामने आया है। कौंसिल अधिकारियों ने केवल नियमित टैक्स भरने वालों का रिकॉर्ड ही अपडेट किया। बाकी लोगों का रिकॉर्ड नजरअंदाज कर दिया गया। अड्डा रायकोट में मकान नंबर 3123/4 का मामला इसका उदाहरण है। यह मकान जीत सिंह के नाम पर था। कौंसिल ने इसे सीवरेज और पानी का कनेक्शन दिया था। 1994-95 की टीएस-1 की कॉपी भी जारी की गई थी। जीत सिंह ने 1999 में मृत्यु से पहले मकान अपनी बेटियों के नाम कौंसिल में दर्ज करवा दिया था। अब जब मृतक की बेटियां टैक्स जमा कराने पहुंचीं, तो अधिकारियों ने कंप्यूटर में रिकॉर्ड न होने का हवाला दिया। उनसे पुरानी रजिस्ट्री या वसीयत मांगी जा रही है। समाजसेवी कुलवत सिंह सहोता के अनुसार, मृतक व्यक्ति की वसीयत अब बनाना संभव नहीं है। कौंसिल अधिकारियों की एक और गलती सामने आई है। वे 2025 में खरीदी गई संपत्ति का टैक्स भी 2013 से मांग रहे हैं। पहले नो ड्यू सर्टिफिकेट के बिना रजिस्ट्री नहीं होती थी। ऐसे में बिना टैक्स जमा किए नो ड्यू सर्टिफिकेट जारी होना सवालों के घेरे में है।
नगर कौंसिल जगराओं में रिकॉर्ड अपडेट में लापरवाही:2013 से ऑनलाइन डेटा अधूरा, लोगों को टैक्स जमा कराने में परेशानी हो रही
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